देहरादून : उत्तराखंड में बर्फबारी के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य के 900 से अधिक गांवों में बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है, जिससे आवागमन ठहर-सा गया है। हालांकि, प्रशासन सड़कों को ठीक करने में जुटा हुआ है।
फिर भी करीब 40-45 लोग बढ़ी फिसलन के चलते इसमें गिरकर घायल हो गए हैं। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि 900 से अधिक गांवों में अभी भी बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित है। पर्यटक स्थलों में ठहरे करीब 50 पर्यटक सड़कें बंद होने के कारण वापस नहीं लौट पा रहे हैं।
प्रदेशभर में लगभग 100 मोटर मार्गो पर आवाजाही अवरुद्घ है। अधिकारी ने बताया कि कैंपटी मार्ग पर जगह-जगह पाला जमा होने के कारण हादसों का खतरा बना हुआ है। वहीं धनोल्टी मार्ग पर गुरुद्वारे के पास तक वाहन जा सकते हैं। देहरादून से मसूरी पिक्चर पैलेस आने वाली रोडवेज की बसें दो किलोमीटर पहले तक ही आ पा रही हैं। चमोली के रितेश रावत ने बताया, पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण अक्सर बिजली और पानी की आपूर्ति अवरुद्घ हो जाता है।
यह हर साल का काम है। पहाड़ी गांवों में यह समस्या ज्यादा आती है। स्थानीय निवासी अमर मौर्य ने बताया कि देहरादून के आस-पास के इलाकों में पाला जमा होने कारण आस-पास कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। इससे काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन व पुलिस टीमें सड़कों पर मिट्टी और चूना डालकर सफर को सुरक्षित बनाने में जुटे हुए हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि फिलहाल 11 और 12 जनवरी को आसमान साफ रहेगा, लेकिन 13 जनवरी से एक बार फिर मौसम करवट बदल सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में खासकर हरिद्वार, उधमसिंह नगर में सुबह-रात में पाला गिरने की संभावना ज्यादा है।