गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि उनकी सरकार सरकारी क्षेत्र में नियुक्तियों में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए कर्मचारी चयन आयोग गठित करने की प्रक्रिया में है। सावंत ने गोवा विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि अधिकारियों की अंतर विभागीय समिति सरकारी विभागों में रिक्त पदों की सही संख्या का पता लगाने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया पारदर्शी थी और इसके लिए गोवा विश्वविद्यालय अथवा गोवा शिक्षा विकास निगम द्वारा लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता था उन्होंने कहा, ‘‘(पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई वाली) पूर्व सरकार राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएसएससी) के लिए प्रक्रिया की शुरूआत की थी और हम इसे पूरा करेंगे।’’
सावंत ने विधानसभा को बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि लोग अपनी शैक्षणिक योग्यता से बहुत नीचे जा कर नौकरियों के लिए आवेदन कर रहे हैं । मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं एक व्यक्ति को जानता हूं जिसके पास इंजीनियरिंग की डिग्री है लेकिन उसने सरकारी विभाग में चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन किया है। हर व्यक्ति को नौकरी देना संभव नहीं है।
इसलिए निजी क्षेत्र को ऐसे युवाओं को लेना चाहिए। मौजूदा समय में 55 हजार सरकारी नौकर हैं और हम इसमें अधिकतम दस हजार जोड़ सकते हैं। बाकी कहां जायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि रोजगार दफ्तरों में निबंधित लोगों की संख्या एक लाख को पार चुकी है। उनमें से कई लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी मिल चुकी है ।