प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने IAS पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई में बेशुमार नकद बरामद किया। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को IAS अधिकारी उनके पति अभिषेक झा और अन्य करीबियों के करीब 2 दर्जनों से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर 19 करोड़ से अधिक नकद और 100 से भी ज्यादा दस्तावेज बरामद किए। ED की इस मैराथन छापेमारी से राज्य में सियासत और नौकरशाही के गलियारों में हड़कंप मच गया।
IAS के करीबी CA से करोड़ों का कैश बरामद
ईडी ने झारखंड, बिहार, बंगाल और एनसीआर में 25 जगहों पर शुक्रवार सुबह पांच बजे से छापेमारी शुरू की, जो देर शाम तक जारी रही। आईएएस पूजा सिंघल के करीबी सीए सुमन कुमार सिंह के यहां से 19.31 करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए। इसके साथ-साथ अलग-अलग ठिकानों से मकान, जमीन, कारोबार में निवेश के 100 से भी ज्यादा दस्तावेज बरामद किए जाने की खबर है।
ED recovered Rs 19 crores of cash in raids linked to IAS Pooja Singhal.
Tonight IAS aspirants will study all the more harder. pic.twitter.com/H9TmwYFZx9— The DeshBhakt 🇮🇳 (@TheDeshBhakt) May 6, 2022
झारखंड से लेकर दिल्ली तक ED का एक्शन
ईडी ने रांची में पूजा सिंघल के सरकारी आवास, उनके पति अभिषेक झा के आवास, उनके सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के साथ-साथ झारखंड में धनबाद, खूंटी, राजस्थान के जयपुर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, हरियाणा के फरीदाबाद एवं गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बिहार के मुजफ्फरपुर में छापे मारे हैं।
भ्रष्टाचार के आरोपों में पहली भी फंस चुकी हैं पूजा सिंघल
2000 बैच की आईएएस पूजा सिंघल झारखंड की चर्चित अधिकारी रही हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों से उनका गहरा नाता है। आधा दर्जन से भी ज्यादा मामलों में उनपर जांच भी बैठी है। कुछ मामलों में उन्हें क्लीन चिट भी मिला है। इन सबके बावजूद उन्हें हमेशा खास पोस्टिंग मिलती रही। इन दिनों वह दो विभागों खान एवं उद्योग में सचिव के रूप में पोस्टेड हैं। इनके अलावा वह झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की डायरेक्टर के एडिशनल चार्ज में भी हैं।
मनरेगा घोटाले को लेकर जांच के दायरे में आईं IAS
बता दें कि 2000 बैच की आईएएस पूजा सिंघल खूंटी व चतरा में मनरेगा घोटाले में जांच के दायरे में है। ईडी ने पूर्व में मनरेगा घोटाले में जूनियर इंजीनियर रामविनोद सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की थी। रामविनोद से पूछताछ में आए तथ्यों के आधार पर ईडी ने पूजा सिंघल की भूमिका की जांच शुरू की थी। मनरेगा घोटाले के साथ-साथ अलग अलग पदों पर रहते हुए लाभ अर्जित कर पैसों की मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर जांच की जा रही है।