बीजेपी ने गुजरात में प्रचंड़ बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने के लिए पुख्ता प्लान कर लिया हैं। बीजेपी लगातार गुजरात में कार्यक्रमों के जरिए पार्टी के चुनावी एजेंडे को धार दे रही हैं। पीएम मोदी व अमित शाह गुजरात पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। अमित शाह अपने संसदीय क्षेत्र गांधीनगर से हर वोट को पाने के लिए अलग -अलग कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। ताकि गांधीनगर के जरिए शाह के चुनावी मैनेजमेंट को पूरे राज्य में अपनाया जा सके।
गुजरात के चारों संभाग में बीजेपी के चाणक्य नीति को धार को देकर पटेल , ओबीसी , आदिवासी को अपनी ओर खींचकर प्रचंड बहुमत लाकर देश की राजनीति को संदेश देना चाहती हैं। शाह त्यौहारों को मनाने के लिए गुजरात पहुंच गए हैं। जिस कारण राज्य का चुनावी मूड गर्म होने वाला हैं , शाह गुजरात की राजनीति में पिछली बार की तरह किसी भी चुनौती को बर्दाशत के वाजिब नहीं हैं , क्योंकि पिछली बार कांग्रेस ने उसके शासन के चलते कड़ी टक्कर दी थी। जो कांग्रेस के लिए संजीवनी भुनाने जैसी थी , लेकिन उसको भुनाने में नाकामयाब साबित हुई हैं।
गुजरात के चुनावी रण कांग्रेस गायब नजर आ रही हैं , कांग्रेस ने अभी तक कोई बड़ी रैली नहीं हैं ,ना ही कांग्रेस के पास अहमद पटेल जैसा कट्टर कांग्रेसी चुनावी समीकरणों को बनाने वाला चेहरा रहा हैं। बीजेपी ने कांग्रेस के कद्दावर नेताओं को पार्टी में शामिल कर लिया हैं , जिस कारण आदिवासी इलाके में भी कांग्रेस अपने पारंपरिक वोटों को पाने में कामयबा नहीं हो पाने केआसार दिख रहे हैं ।
गुजरात के चारों संभाग की बैठक लेंगे शाह
अमित शाह अबकी बार कमजोर नस में सियासी खून को दौड़ाने का काफी प्रयास कर रहे हैं। शाह गुजरात के चारों संभाग के जोनल कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक कर चुके हैं। जिनमें वलसाड़ , बडोदरा , पालनपुर , सौराष्ट्र शामिल हैं। इन बैठक में शाह के साथ विधायक सांसद व कार्यकर्ता भाग लेंगे।