महाराष्ट्र में वसूली कांड को लेकर सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाकात की और उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा। इस दौरान बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा, जय कुमार रावल, चंद्रकांत पाटिल और राधाकृष्ण विखे पाटिल भी मौजूद रहे।
राज्यपाल से मिलने के बाद बीजेपी नेता ने कहा कि हमने राज्यपाल से राज्य में शासन और कोरोना से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से रिपोर्ट मांगने का अनुरोध किया। हमने उनसे भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का भी अनुरोध किया। वहीं बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में जिस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, चाहे पैसे की उगाही की घटना हो या ट्रांसफर का रैकेट हो, ये सारी घटनाएं दुखदायी हैं। इतनी सारी घटनाएं होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने उस पर एक बयान भी नहीं दिया।
बीजेपी नेता ने कहा कि इस महावसूली सरकार में कांग्रेस का क्या अस्तित्व है ये हमें समझ नहीं आता। लेकिन ये ध्यान में आता है कि शायद ये जो हफ्ता वसूली हो रही है इसमें उनका भी हिस्सा होगा इसलिए वो मौन हैं। आप मुझे बताएं कि क्या आपकी जितनी सत्ता में हिस्सेदारी उतनी हफ्ते में हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि इस सरकार का कोरोना की ओर ध्यान ही नहीं है, जिस प्रकार से कोरोना के मामले महाराष्ट्र में बढ़ रहे हैं ये देश का एपिक सेंटर बना है। महाराष्ट्र में ही कोरोना इतना क्यों बढ़ रहा है? सरकार ने इस पर क्या उपाय किया है?
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दावा किया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा वसूली संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की जांच में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उनके क्रियाकलाप के बारे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को सही सूचना नहीं दी गई।
फडणवीस ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी दावा किया कि राज्य में महा विकास आघाडी सरकार ने राज्य के खुफिया विभाग की एक ठोस रिपोर्ट पर ‘‘कार्रवाई नहीं की जिसमें पुलिस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति में भ्रष्टाचार के संबंध में हुई बातचीत का ऑडियो था। फडणवीस ने कहा कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला द्वारा इजाजत लेकर फोन टैप किए गए थे और कॉल पर की गई बातचीत का ‘6.3 जीबी डेटा’ उनके पास है जिसमें कई अहम पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दी है और कहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह के पत्र में लगाए गए गए देशमुख के खिलाफ आरोप ‘अस्पष्ट’ हैं। गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह के शनिवार को यह कहते ही बवाल मच गया कि देशमुख ने निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे से मुंबई के रेस्तरां, बार, पब आदि से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था। वाजे वही अधिकारी हैं जिन्हें एसयूवी मामले में गिरफ्तार किया गया है।