महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर ‘‘बदले की राजनीति’’ करने का आरोप लगाते हुए पार्टी की आलोचना की और कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई जांच से धमकाया नहीं जा सकता। जिसके जवाब में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजनीति की बजाय ठाकरे सरकार अपनी सत्ता पर ध्यान दे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना को कैसे हराया जाए सरकार को इस बात पर ध्यान देनी चाहिए। भाजपा नेता ने आगे कि यह भगवान की कृपा है कि महामारी की दूसरी लहर अभी महाराष्ट्र में नहीं पहुंची है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कल अर्नब गोस्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट और कंगना रनौत मामले में हाईकोर्ट का फैसला हमने देखा। जिस प्रकार से लोकतंत्र को समाप्त करके इनको टारगेट किया गया, इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा हिंदुत्व नहीं बदला है। शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है। सावरकर पर उनके सहयोगियों ने जो कहा उसे वे कैसे भूल सकते हैं? वे कांग्रेस के साथ हैं, जो गुप्कर घोषणा साथ देती है, जो चीन की सहायता से अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात करती है।
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि “हमने कभी व्यक्तिगत हमले नहीं किए हैं। अगर हम व्यक्तिगत हमलों के बारे में बात कर रहे हैं, तो शिवसेना के नेताओं ने मेरी पत्नी पर हमला किया लेकिन मैंने इस पर कभी कोई बवाल नहीं किया है।” गौरतलब है कि ठाकरे ने एमवीए सरकार के शनिवार को एक वर्ष पूरे होने के मौके पर शिवसेना के सांसद संजय राउत को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कहीं। राउत पार्टी के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक भी हैं।
ठाकरे ने कहा,‘‘इस सरकार को लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है और इसे ईडी और सीबीआई जांचों से धमकाया नहीं जा सकता।’’ उन्होंने कहा,‘‘ बदले की राजनीति का कोई अंत नहीं है। मैं इस राह पर चलने के पक्ष में नहीं हूं। इस राजनीतिक विकृति को बंद कीजिए।’’ ठाकरे ने यह बात उस वक्त कहीं है जब तीन दिन पहले ही ईडी ने धनशोधन के एक मामले में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक से जुड़े मुंबई और ठाणे के परिसरों पर छापे मारे हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन वाली उनकी सरकार अगले चार वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी और उसके बाद जनता निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले वर्ष एमवीए सरकार के गठन के लिए शिवसेना से हाथ मिलाने का राजनीतिक साहस दिखाया।
ठाकरे ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा,‘‘ कुछ लोगों ने सोचा कि ये तीनों दल कभी एकसाथ नहीं आएंगे और शिवसेना के पास उनके पीछे आने के सिवाए कोई विकल्प नहीं बचेगा।’’ शिवसेना और भाजपा ने 2019 में राज्य विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री पद को साझा करने के मुद्दे पर यह गठबंधन टूट गया और शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई थी।