भोपाल ( मनीष शर्मा) किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर शनिवार को राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने निकलने से पहले ही शिव कुमार शर्मा सहित किसान नेताओं को पुलिस ने उनके घर में ही नजरबंद कर दिया। वहीं नर्मदा आंदोलन चलाने वाली मेघा पाटकर, डॉ.सुनीलम, सरोज बादल सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पालिटेक्निक चौराहे पर रोककर गांधी भवन में बंद कर दिया गया। इसका नेतृत्व कर रहे किसान नेता शिव कुमार शर्मा ‘कक्का जी’ ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है।
उन्होंने कहा है कि अब मध्य प्रदेश सरकार को सबक सिखाया जाएगा। पांच लोग भी ज्ञापन देने नहीं जा सकते हैं। क्या ज्ञापन देना भी अपराध है और ऐसा है तो इनके (सरकार) दिन समाप्त हो गए हैं। शर्मा ने कहा कि अब दिल्ली कूच करेंगे। इसकी रणनीति रविवार को बनाई जाएगी। वहीं अब प्रदेश के गांव-गांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुतले जलाए जाएंगे।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में किसानों को अपनी बात शांतिपूर्वक रखने से भी रोका जाता है। हर बार यही होता है। जैसे ही किसान अपनी बात कहने की कोशिश करता है, उसे घर में ही कैद कर लिया जाता है। आज भी किसान संगठनों का संयुक्त कार्यक्रम था। हमें सिर्फ ज्ञापन सौंपना था, पर मुझ सहित अन्य नेताओं को घर के बाहर पुलिस लगाकर रोक दिया गया।
यह अलोकतांत्रिक है और इसकी हम घोर निंदा करते हैं। शर्मा ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन मजबूती से उठेगा। उल्लेखनीय है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन सात माह से आंदोलन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसान दिल्ली-पलवल की सीमा पर डटे थे। इसी आंदोलन के सात माह पूरे होने पर ज्ञापन सौंपने की रणनीति थी।