भीमा-कोरेगांव 2018 हिंसा मामले में पूछताछ के लिए एनआईए ने गुरुवार को रांची के रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी को हिरासत में लिया। 83 साल के स्टैन स्वामी को पूछताछ के बाद रांची से हिरासत में लिया गया। इससे पहले स्वामी ने भीमा-कोरेगांव में किसी तरह की अपनी भागीदारी से इंकार कर दिया था।
एनआईए के 2 अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि भीमा कोरेगांव केस की जांच के सिलसिले में एनआईए ने स्वामी को रांची से हिरासत में लिया। उन्होंने कहा कि ज्यादा संभावना है कि शुक्रवार की सुबह तक स्वामी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि, अधिकारियों ने यह जानकारी देने से इंकार कर दिया कि उनसे दोबारा पूछताछ क्यों की जा रही है।
इससे पहले स्वामी से रांची में 7 अगस्त को दो घंटे पूछताछ की गई और बाद में उन्हें आगे की पूछताछ के लिए मुंबई के एनआईए कार्यालय में बुलाया गया। लेकिन उन्होंने एजेंसी को सूचित किया था कि वह अपने बुढ़ापे और कोरोना महामारी के कारण यात्रा नहीं कर पाएंगे।
गौरतलब है कि कोरेगांव-भीमा युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान एक जनवरी 2018 को कोरेगांव भीमा और आसपास के इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। पुणे पुलिस ने आरोप लगाया कि 31 दिसंबर 2017 को ‘एल्गार परिषद सम्मेलन’ में दिए ‘‘उकसावे’’ वाले भाषणों से हिंसा भड़की। पुलिस के अनुसार, एल्गार परिषद सम्मेलन के आयोजकों के माओवादियों से संपर्क थे।