जम्मू कश्मीर के ऊना जिले के गन्नू मंडवाल गांव के हवलदार अमरीक सिंह छह दिन पहले एक हादसे में शहीद हो गए थे। 6 दिन बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाया गया है। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग उनको सलामी देने पहुंचे।
धार्मिक अनुष्ठान के लिए ले जाया गया
सोमवार को सुबह सिंह के पैतृक गांव की श्मशान भूमि में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। ‘शहीद अमरीक सिंह अमर रहें’ के नारों के बीच सिंह के बेटे अभिनव कुमार और उनके दो चाचा ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे। इससे पहले शहीद सिंह के पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ से लाकर धार्मिक अनुष्ठान के लिए उनके घर ले जाया गया।
डोगरा रेजीमेंट में तैनात थे
भारतीय सेना के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शव को श्मशान घाट ले जाया गया। 14वीं डोगरा रेजीमेंट की एक टुकड़ी ने हवा में गोलियां चलाकर उन्हें सलामी दी। सिंह इसी रेजीमेंट में पदस्थ थे। हादसे के बाद, पहले चार दिनों तक खराब मौसम के कारण शहीद के पार्थिव शरीर को दुर्घटनास्थल से विमान से नहीं लाया जा सका। छह दिन बाद परिवार के पास शव पहुंचा।