पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में मुसलमानी टोपी और लुंगी पहन कर एक ट्रेन पर कथित तौर पर पथराव करने के दृश्य का ‘नाट्य रूपांतरण’ करने और उसका वीडियो बनाने की कोशिश कर रहे पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों को स्थानीय स्तर पर आरएसएस की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता के तौर पर जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ जिले में प्रदर्शन के दौरान रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में आगजनी की गई थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को कहा कि आरोपियों ने लालबाग रेलवे स्टेशन के पास परीक्षण के तौर पर चलाई जा रही एक ट्रेन पर पथराव किया और इस कथित हमले का वीडियो रिकार्ड किया। उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय लोगों ने आरोपियों को पकड़ लिया और बाद में उन्हें हमें सौंप दिया।’’
रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में कथित तौर पर संलिप्त रहने को लेकर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्हें शुक्रवार को एक अदालत में पेश किया गया। उनमें से दो को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, जबकि तीन अन्य को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।’’
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि उन्हें इस बारे में कुछ खुफिया जानकारी मिली है कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के लिए कथित तौर पर मुसलमानी टोपियां खरीद रही है, वे लोग उसे सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के दौरान पहनते हैं ताकि एक विशेष समुदाय को बदनाम किया जा सके।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में झारखंड में एक चुनाव रैली में कहा था, ‘‘जो लोग आगजनी (संपत्ति में) कर रहे हैं उन्हें टीवी पर देखा जा सकता है…उनकी पहचान उनके कपड़ों से की जा सकती है।’’ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बंगाल में प्रदर्शन के दौरान 13 से 17 दिसंबर के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी।