कर्नाकट की सियासत में मचे बवाल में कोई कमी नहीं आई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आज विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 16 विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
इस बीच, कुमारस्वामी ने एक वाक्य का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सदन उनके नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी सरकार में विश्वास व्यक्त करता है। वहीं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, जब तक हमें सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश पर स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता, तब तक इस सत्र में फ्लोर टेस्ट लेना उचित नहीं है, जो संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने कहा की यदि हम विश्वास प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ते हैं, यदि व्हिप लागू होता है और वे (बागी विधायक) SC आदेश के कारण सदन में नहीं आते हैं, तो यह गठबंधन सरकार के लिए एक बड़ा नुकसान होगा। कांग्रेस के एक अन्य नेता डी के शिवकुमार ने विधानसभा में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते, विपक्ष के नेता होने के नाते, वह (बीएस येदियुरप्पा) देश को गुमराह कर रहे हैं, अदालत को गुमराह कर रहे हैं।
व्हिप के बावजूद 15 बागी विधायक सदन की कार्यवाही में नहीं हुए शामिल
कर्नाटक विधानसभा में संबंधित दलों के व्हिप जारी किए जाने के बावजूद कांग्रेस के 12 और जनता दल (एस) के तीन समेत कम से कम 15 विधायकों के गुरुवार को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने से एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन वाली सरकार पर खतरा और बढ़ गया है।
सदन में आज मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सभी 15 बागी विधायकों ने व्हिप जारी होने के बावजूद सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया। बागी विधायकों के सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने से गठबंधन सरकार अल्पमत में नजर आ रही है।
इस बीच कांग्रेस के दो अन्य विधायकों श्रीमंत पाटिल और बी नागेंद्र भी अस्पताल में भर्ती होने की वजह से सदन में उपस्थित नहीं हुए। इस कारण राज्य की 14 माह पुरानी जद(एस) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के लिए चिंता और बढ़ गयी है।
बी नागेंद्र शहर के अस्पताल में ही भर्ती हैं जबकि श्रीमंत पाटिल जिनके बीजेपी के खेमे में जाने की रिपोर्ट हैं, उनका मुंबई के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है। दूसरी तरफ विपक्षी दल भाजपा के सभी 105 विधायक सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही सदन में पहुंच गए थे।