देहरादून : चारधाम यात्रा शुरू होने में महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में चारधाम यात्रा को लेकर प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा है। यात्रा में हेली सेवा अपनी अहम भूमिका निभाती है और हर साल लाखों की संख्या में यात्री दर्शन के लिए हेली सेवा का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस बार हेली सेवा वाले यात्रियों को एक बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि हेली सर्विस का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। बता दें कि हर साल चारधाम यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड का रुख करते हैं, ऐसे में राज्य सरकार यात्रियों की सहुलियत के लिए प्रतिवर्ष हेली सर्विस के टेंडर आवंटित कर यात्रा किराया तय करती है। लेकिन फिलहाल चारधाम यात्रा के लिए हेली सर्विस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है, जिसकी अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 24 अप्रैल को होगी।
गौरतलब है कि 7 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो रही है । इसके साथ ही 9 मई को केदारनाथ धाम व 10 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले रहे है। वहीं, अगर पिछले साल हेली सेवा उपयोग करने वाले यात्रियों की बात करें तो, साल 2018 में चारधाम यात्रा के दौरान करीब सवा दो लाख यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था । जिसमें सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम में करीब एक लाख 10 हजार यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था। जबकि हर साल चार धाम यात्रा के दौरान 9 से 14 हेली सर्विस काम करती है।
नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान ज्यादा फोकस केदारनाथ धाम पर रहता है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए हेली सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हेली सेवा का मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जिसकी सुनवाई 24 अप्रैल को होनी है। इस मामले का जैसे ही हाईकोर्ट से निस्तारण होगा । उसके बाद टेंडर प्रक्रिया कर ऑपरेटरों का चयन कर लिया जाएगा।