इंदौर (मध्यप्रदेश) : पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों पर अन्याय को लेकर चिंता जताते हुए बलूचिस्तान की प्रांतीय विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष एडी माखीजा ने मंगलवार को कहा कि यह बात बेहद दुःखद है कि यह तबका अपनी मातृभूमि में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में यहां भाजपा के प्रदर्शन में हिस्सा लेने के बाद माखीजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘साफ जाहिर है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू सहित गैर मुस्लिम धर्मावलम्बी) खुद को महफूज नहीं पा रहा है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहा अन्याय दु:खद है।’
उन्होंने बताया कि वह बलूचिस्तान में ‘जम्हूरी वतन पार्टी’ से जुड़कर सियासत में सक्रिय थे और वर्ष 1998 में पाकिस्तान को हमेशा के लिए अलविदा कहकर भारत आने से पहले क्वेटा स्थित प्रांतीय विधानसभा के उपाध्यक्ष समेत वहां की राज्य सरकार के अहम ओहदों पर रहे थे।
माखीजा ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार को भारत की नागरिकता मिल चुकी है।
अपनी मातृभूमि पाकिस्तान छोड़कर भारत में आ बसने का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हर इंसान का बुनियादी हक होता है कि सबसे पहले वह अपनी और अपने परिवार की जान की सलामती और भविष्य की सुरक्षा चाहता है। हम भी अपनी सलामती के लिए भारत आये थे।’
माखीजा ने कहा, ‘वर्ष 1947 में मुल्क के बंटवारे से पहले हमारे पुरखे हिंदुस्तानी ही थे। हिंदुस्तान के बंटवारे की मांग हमने तो नहीं की थी।’