बेंगलूरू : पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की गुत्थी सुलझती हुर्इ् दिखाई दे रही है। कट्टरपंथी हिंदुवादी समूह की हिटलिस्ट में गौरी लंकेश का नाम नंबर 2 पर था, उस लिस्ट में कुल 34 लोगों के नाम थे। इस बात खुलासा विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रमुख आरोपी से बरामद डायरी के आधार पर किया है। विशेष जांच अधिकारी एम एन अनुचेथ ने बताया कि हुबली के दो निवासी अमित राघवेन्द्र बद्दी और गणेश मिस्की को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि उन्हें पहले मेट्रोपोलिटन अदालत में पेश किया गया जिसने आगे की जांच के लिए छह अगस्त तक उन्हें एसआईटी की हिरासत में भेज दिया। अनुचेथ ने अपराध में उनकी भूमिका का खुलासा नहीं किया। हालांकि, कुछ पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिछले साल पांच सितंबर को गौरी लंकेश को गोली मारने से पहले बद्दी और मिस्की ने इलाके की टोह लेने में मदद की थी। इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि बेंगलूरू में राजराजेश्वरी नगर में गौरी के आवास के बाहर गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गयी थी। गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के मुताबिक, परशुराम वाघमारे ने गौरी लंकेश को गोली मारी थी।
नवीन कुमार ने असलहा मुहैया कराया था जबकि इस साजिश को अमोल काले ने रचा था। वहीं मोहन नायक ने बेंगलुरु में इन सभी आरोपियों को अपना घर रहने को दिया और दूसरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई। हालांकि हुबली से गिरफ्तार 2 और आरोपियों की इस हत्याकांड में क्या भूमिका थी ये अभी साफ़ होना बाकी है। इससे पहले 20 जुलाई को पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने मामले के सातवें संदिग्ध को गिरफ्तार किया था।
एसआईटी के जांच अधिकारी एमएन अंचेत ने को बताया, ‘मोहन नायक (50) को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि नायक को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया गया और तृतीय अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस मामले में छठे संदिग्ध 26 वर्षीय परशुराम वाघमारे को राज्य के वियजपुर जिले से जून में गिरफ्तार किया गया था। गौरी की पिछले वर्ष पांच सितंबर को उनके ही घर में हत्या कर दी गई थी।