गोवा में दो दिन पुरानी भाजपा नीत सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए बुलाया गया विधानसभा का विशेष सत्र खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को गोवा विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। भाजपा सरकार के पक्ष में कुल 20 वोट पड़े। वही, 15 ने विरोध किया।
आपको बता दें कि बहुमत के लिए 19 विधायकों की जरूरत थी लेकिन भाजपा के पास एक ज्यादा ही था। भाजपा के पास कुल 21 विधायकों का समर्थन था, क्योंकि स्पीकर वोट नहीं डाल सकते हैं यही कारण है कि भाजपा सरकार के पक्ष में 20 वोट पड़े।
वही, सदन में शक्ति परीक्षण की कार्यवाही के दौरान मनोहर पर्रिकर के लिए शोक प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित पर्रिकर का रविवार को निधन हो गया था। फ्लोर टेस्ट से पहले गोवा के नए मुख्यमंत्री प्रमोदी सांवत ने कहा कि उन्हें 100 प्रतिशत विश्वास है कि उनकी सरकार बहुमत हासिल कर लेगी।
बता दें कि प्रमोद सावंत ने मंगलवार को कहा था कि उनकी सरकार ने बुधवार को सदन में शक्ति परीक्षण करवाने के लिए कहा है ताकि वह अपना बहुमत साबित कर सके। इस तटवर्ती राज्य में भाजपा नीत सरकार ने 21 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है।
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इनमें भाजपा के 12 तथा सहयोगी दल गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) एवं महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन -तीन तथा तीन निर्दलीय विधायक शामिल हैं। गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा की वास्तविक संख्या घटकर 36 रह गई है क्योंकि मनोहर पर्रिकर एवं भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा का निधन हो गया तथा कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर एवं दयानन्द सोप्ते ने त्यागपत्र दे दिया था। गोवा में कांग्रेस 14 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है जबकि राकांपा का भी एक विधायक है।
प्रमोद सावंत ने सोमवार को ली थी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ
प्रमोद सावंत ने सोमवार देर रात दो बजे से थोड़ा पहले गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। इससे पहले भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच सरकार गठन को लेकर बातचीत का लम्बा दौर चला था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सहयोगियों के साथ सत्ता समझौते को लेकर बनी समझ के तहत समर्थन देने वाले दोनों छोटे दलों के एक-एक विधायक को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। उप मुख्यमंत्री बनाए जाने वाले विधायक जीएफपी प्रमुख विजय सरदेसाई तथा एमजीपी विधायक सुदिन धावलिकर हैं।