गोवा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को असफलता हाथ लगी है। नतीजे घोषित होने के तीन दिन बाद भी पार्टी ने अपने विधायक दल के नेता पर फैसला नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक, 40 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े (21 सीट) तक पहुंचने में विफल रहने के बाद गोवा कांग्रेस इकाई ने कोई बैठक नहीं की है। राज्य में कांग्रेस को 11 सीटें मिली है और उसकी सहयोगी ‘गोवा फॉरवर्ड पार्टी’ (जीएफपी) ने एक सीट हासिल की, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 20 सीटें मिली। इससे पहले, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि कांग्रेस-जीएफपी गठबंधन चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद अपने नेता का नाम तय करेगा।
मतगणना के बाद बैठक के लिए अब तक कोई निमंत्रण नहीं मिला : कांग्रेस नेता
रविवार को मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के एक नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, हमें मतगणना के बाद बैठक के लिए अब तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है। निर्वाचित कांग्रेस विधायक माइकल लोबो ने कहा कि विधायक दल के नेता पर निर्णय सही समय पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के लिए विश्वास मत को लेकर सत्र बुलाए जाने पर कांग्रेस को अपने नेता के बारे में सदन को सूचित करना होगा। गोवा कांग्रेस प्रमुख गिरीश चोडनकर इस पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे, जबकि पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि निर्वाचित सदस्य अपने नेता के तौर पर दिगंबर कामत और माइकल लोबो के बीच बंटे हुए हैं।
मैं किसी पद के लिए लामबंदी नहीं कर रहा हूं : लोबो
कांग्रेस नेता लोबो ने नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए लामबंदी से इनकार किया। उन्होंने कहा, मैं किसी पद के लिए लामबंदी नहीं कर रहा हूं। अगर पार्टी आलाकमान मुझे जिम्मेदारी देता है तो मैं इसे स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। पूर्व मुख्यमंत्री कामत मडगांव विधानसभा क्षेत्र से चुने गए हैं, जबकि लोबो कलंगुट सीट से जीते हैं। भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे लोबो ने इस साल जनवरी में पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए।