केरल के बहुचर्चित सोना तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को हाई कोर्ट से राहत मिली है। केरल हाई कोर्ट ने स्वप्ना सुरेश की विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम (कोफेपोसा) के तहत एहतियातन हिरासत में रखने के आदेश को रद्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति ए के जयशंकरन नाम्बियार और न्यायमूर्ति सीपी मोहम्मद नियास की पीठ ने सुरेश की मां की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया। इस याचिका में उन्होंने अपनी बेटी की कोफेपोसा के तहत हिरासत को रद्द करने का अनुरोध किया था। हालांकि, कोर्ट के आदेश के बावजूद सुरेश को जेल में ही रहना पड़ेगा क्योंकि उन्हें मामले में एनआईए की ओर से दर्ज एफआईआर में जमानत नहीं मिली है।
सुरेश कथित रूप से राजनयिक माध्यम से सोने की तस्करी के आरोप में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से जेल में हैं। सीमा शुल्क विभाग सोने की तस्करी के मामले की जांच कर रहा है और पिछले साल अक्टूबर में उसने सुरेश के खिलाफ कोफेपोसा के प्रावधानों को लागू किया था। कोफेपोसा के राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड ने सीमा शुल्क (निषेध) आयुक्तालय के प्रावधान लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
गौरतलब है कि पांच जुलाई 2020 को तिरुवनंतपुरम स्थित संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्यदूतावास में कार्यरत राजनयिक के सामान में करीब 15 करोड़ रुपये का सोना बरामद होने के बाद तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था और एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय और सीमा शुल्क विभाग इस मामले की अलग-अलग जांच कर रहा है। इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर, संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मी सुरेश और सरित पी एस समेत कई लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।