मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की गिरती सेहत के बीच बीजेपी ने रविवार को कहा कि उसने ‘‘ गोवा में राजनीतिक परिवर्तन’’ पर विचार शुरू कर दिया है। लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए पार्टी ने यह भी कहा कि राज्य की सरकार ‘‘स्थिर’’ है। पर्रिकर (63) अग्नाशय की एक बीमारी से पीड़ित है। बीजेपी की राज्य मीडिया समन्वयक संध्या साधले ने एक बयान में कहा, ‘‘दिल्ली और गोवा में हमारा बीजेपी का नेतृत्व बहुत मजबूत, स्थिर है और हमने गोवा में राजनीतिक परिवर्तन के बारे में विचार शुरू कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम स्थिति से सफलतापूर्वक निपट लेंगे। सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जा रही किसी अफवाह या खबर पर ध्यान ना दें।’’ गोवा के मंत्री विजय सरदेसाई ने शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से दोना स्थित उनके आवास में भेंट की थी। सरदेसाई ने कहा था कि पर्रिकर की तबियत बिगड़ गयी है लेकिन उनकी हालत स्थिर है।
शाम को बीजेपी ने अपने विधायकों के साथ बैठक कर पर्रिकर की तबियत खराब होने के बाद उत्पन्न राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की थी। बीजेपी के एक नेता ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि पार्टी के सभी विधायकों को राज्य से बाहर ना जाने को कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ शनिवार की बैठक में सभी विधायकों से विशेष रूप से कहा गया कि हमें राज्य से बाहर नहीं जाना है।’’
सरदेसाई ने हालांकि पर्रिकर के गिरते स्वास्थ्य के मद्देनजर राज्य में किसी भी तरह के राजनीतिक परिवर्तन की संभावना से इनकार कर दिया था। वहीं कांग्रेस ने गोवा में शनिवार को सरकार बनाने का दावा पेश किया। पार्टी ने दावा किया था कि बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन के बाद मनोहर पर्रिकर सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया है।
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को लिखे एक पत्र में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त किये जाने की मांग की। डिसूजा के निधन और दो विधायकों सुभाष शिरोडकर तथा दयानंद सोप्ते के इस्तीफे के बाद 40 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या अब घट कर 37 रह गई है।
सोप्ते और शिरोडकर द्वारा बीजेपी में शामिल होने के लिए इस्तीफा देने के बाद इस समय कांग्रेस के विधायकों की संख्या 16 से घट कर 14 हो गई है। बीजेपी के विधायकों की संख्या 13 है। बीजेपी को गोवा फारवर्ड पार्टी, एमजीपी के एक एक विधायक, एक निर्दलीय तथा राकांपा के एकमात्र विधायक का समर्थन हासिल है।