देहरादून : देश-विदेश से चारधाम यात्रा के साथ ही देवभूमि भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों से अब सरकार कूड़ा करकट फैलाने के एवज में ‘वेस्ट मैनेजमेंट टैक्स’ वसूलेगी। सरकार पर्यटकों से यह टैक्स सीधे न वसूलकर होटल, धर्मशाला संचालकों के जरिये वसूलेगी। होटल, धर्मशाला संचालक पर्यटकों से कमरे के किराए के साथ ही यह टैक्स वसूलेंगे। जो बाद में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जमा कराया जाएगा।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभागार में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि अब जैविक और अजैविक कूड़ा अलग-अलग नहीं देने पर नगर निगम प्रशासन भवन स्वामियों से इसे अलग करने के एवज में टैक्स वसूलेंगे।
वन मंत्री ने कहा कि राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, मंत्रियों के आवासों, नौकरशाहों के सरकारी आवासों के साथ ही तमाम सरकारी कॉलोनियों, राज्य संपत्ति के तमाम आवासों, होटलों, धर्मशालाओं, बहुमंजिलें अपार्टमेंट, निजी आवासों से निकलने वाले कूड़ा करकट को जैविक व अजैविक अलग-अलग करके ही देना होगा।यदि ऐसा नहीं किया जाता है और इसे नगर निकायों द्वारा अलग किया जाता है तो उनसे टैक्स वसूला जाएगा। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस संबंध में जल्द ही नीति बनाने के साथ ही इसे तेजी से धरातल पर उतारा जाए।