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राज्यपाल धनखड़ ने मुख्यमंत्री पर किया तीखा वार, कहा- ‘‘पुलिस राज्य’’ चलाने का काम कर रही हैं ममता

राज्यपाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग इस बात से अवगत हैं कि राज्य में कौन हड़पने की प्रवृत्ति वाला है और कौन सत्ता को संविधान से इतर चला रहा है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री पर तीखा प्रहार किया। गौरतलब हो कि इससे पहले मुख्यमंत्री बनर्जी ने राज्यपाल पर सत्ता हड़पने और राज्य में दोहरा शासन चलाने का आरोप लगाया था।
जिसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पर प्रहार करते हुए उन पर ‘‘पुलिस राज्य’’ चलाने के आरोप लगाए और कहा कि संवैधानिक नियमों के बारे में उनके ‘‘गलत’’ रूख के कारण ‘‘अधिनायकवाद’’ झलक रहा है, जिसका लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। राज्यपाल ने इन आरोपों को खारिज करते  हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग इस बात से अवगत हैं कि राज्य में कौन हड़पने की प्रवृत्ति वाला है और कौन सत्ता को संविधान से इतर चला रहा है, ‘‘कौन सरकार चलाता है और कौन सिंडिकेट।’’ 
धनखड़ शनिवार को मुख्यमंत्री द्वारा राजभवन को भेजे गए 13 पन्नों के पत्र का जवाब दे रहे थे। बनर्जी ने पत्र में आरोप लगाया था कि कोविड-19 संकट के समय वह ‘‘सत्ता हड़पना’’ चाहते हैं और उनके एवं राज्य के मंत्रियों के खिलाफ राज्यपाल की टिप्पणियों को उन्होंने ‘‘धमकी भरा और अपमानजनक’’ करार दिया। राज्यपाल ने अपने चार पन्ने के पत्र में कहा कि उन्हें अपने दायित्वों, सीमाओं, शक्तियों और अधिकारों की जानकारी है और राज्य के लोगों के कल्याण को ध्यान में रखकर हमेशा संवैधानिक दायरे में रहेंगे। 
धनखड़ ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल ‘पुलिस राज्य’ के तौर पर उभर रहा है और अगर किसी ने सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट डाल दिया जो सत्तारूढ़ दल को पसंद नहीं है तो उसके दरवाजे पर पुलिस पहुंच जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक विचार व्यक्त करने पर सरकार पाबंदियां लगा रही है। राजनीतिक रूप से पीड़ित करने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है।’’ 
राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 संकट के इस कठिन समय में राज्य सरकार द्वारा ‘‘अप्रभावी’’ तरीके से स्थिति को संभाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बनर्जी ‘‘हकीकत से रू-ब-रू हों’’ और संवैधानिक नियमों के बारे में उनके ‘‘गलत’’ रूख के कारण ‘‘अधिनायकवाद’’ झलक रहा है, जिसका लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। 
शक्तियां हड़पने के बनर्जी के आरोपों का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा कि राज्य के लोग भलीभांति अवगत हैं कि कौन ‘‘संविधान के इतर सत्ता चला रहे हैं, कौन सरकार और सिंडिकेट चला रहा है, कौन यह एबीसीडी है, यह खुला रहस्य है।निश्चित तौर पर मैं उनमें से एक नहीं हूं। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि मुझे राज्य के हालात की जानकारी है।’’
 
उन्होंने बनर्जी से अपील की कि मतभेदों को दरकिनार कर राज्य के लोगों के लाभ के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने अपील की कि महामारी शुरू होने के समय से ही उन्होंने जो मुद्दे उठाए, उनका प्रभावी तरीके से समाधान किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हम ज्यादा परिपक्वता, दूरदर्शिता और सकारात्मकता की उम्मीद करते हैं।’’ 
धनखड़ के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार ने एक ‘‘भाजपा प्रवक्ता’’ के बयानों को ज्यादा महत्ता देने से इंकार कर दिया। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘राजभवन में बैठे भाजपा के प्रवक्ता की नियमित रूप से कही जा रही बातों या ट्वीट को हम ज्यादा महत्व नहीं देना चाहते।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने उनके किसी भी बयान पर टिप्पणी नहीं देने का निर्णय किया है, हम राजनीतिक रूप से प्रेरित इन बयानों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहते हैं।’’ राज्य सरकार और राजभवन के बीच पिछले हफ्ते तनाव बढ़ गया था। बनर्जी ने धनखड़ पर आरोप लगाए थे कि वह राज्य प्रशासन में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं जबकि राज्यपाल ने कहा कि राज्य को निजी जागीर के तौर पर नहीं चलाया जा सकता है। 

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