देहरादून : देश के लिए मर-मिटने का जज्बा उत्तराखंड के खून में है। बात चाहे सीमा पर युद्ध में देश रक्षा में दिए प्राणों की आहूति देने की हो या फिर हर वर्ष भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पासआउट होने वाले जोशीले जेंटलमैन कैडेट्स की। प्रदेश के युवा भारतीय सेना का हिस्सा बन रणभूमि में अपना कौशल दिखाने के लिए हमेशा आगे रहते हैं। यह बातें प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को विजय दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में कही।
उन्होंने विजय दिवस को भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम का प्रतीक बताया। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सन् 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर शानदार विजय की स्मृति में हर साल 16 दिसम्बर को मनाए जाने वाले ‘विजय दिवस’ पर, सभी नागरिकों, वीर सैनिकों, पूर्व सैनिकों व शहीद सैनिकों के परिजनों को बधाई व शुभकामनाएं दीं।
देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए समर्पित सेना के प्रत्येक जवान और शहीद पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को गर्व है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने सदैव ही बाहरी व आंतरिक सुरक्षा के साथ ही दैवीय आपदा व अन्य विपरीत परिस्थितियों में भी आम नागरिकों की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है। भारत के प्रत्येक नागरिक के हृदय में भारतीय सेना के प्रति अपार स्नेह व सम्मान है।