गुजरात के अहमदाबाद में नकली टोसिलिजुमैब इंजेक्शन बनाने और वितरित करने के आरोप में पांच लोगों के विरूद्ध मंगलवार को मामला दर्ज किया गया। इस दवा का उपयोग कोरोना वायरस से गंभीर रुप से प्रभावित लोगों के उपचार के लिए किया जाता है।
पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पांच में से दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने बताया कि राज्य खाद्य और औषधि नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) ने सूरत में फर्जी फार्मा कंपनी चलाने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ा किया था, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
यह गिरोह सूरत और अहमदाबाद में काम कर रहा था। पुलिस निरीक्षक वाई बी जडेजा ने बताया, प्राथमिकी (अहमदाबाद के) वस्त्रापुर थाने में पांच लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। दो व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया गया। मामले की जांच की जा रही है।
आरोपियों की पहचान अशीष शाह, अक्षय शाह, हर्ष ठाकोर, निलेश लालीवाला और सुहैल ताई के तौर पर हुई है। ताई मामले का कथित षड्यंत्रकर्ता है। उनमें से ठाकोर और लालीवाला को हिरासत में ले लिया गया है। ताई सूरत स्थित फर्जी जैनिक फार्मा का मालिक है। इसके जरिए नकली टोसिलिज़ुमैब (एक्टेमरा) इंजेक्शन अहमदाबाद में भेजे जा रहे थे। जडेजा ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।