गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि शादियों एवं अंतिम संस्कार में क्रमश: 50 एवं 20 लोगों के भाग लेने की जो अनुमति दी गई है वह कोरोना वायरस महामारी के चलते बहुत अधिक है तथा राज्य सरकार को इसे घटाने पर विचार करना चाहिए। अदालत राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उसने स्वत: ही इस विषय को संज्ञान में लिया है।
न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति भार्गव डी करिया की खंडपीठ ने महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी से वकील शालिन मेहता के इस सुझाव पर विचार करने को कहा कि अनुमत संख्या और घटाई जा सकती है क्योंकि ऐसी भीड़ ‘बड़ी संक्रमण प्रसारक’ हो सकती है। खंडपीठ ने कहा कि शादियों में मेहमानों की संख्या घटाई जा सकती है।अंतिम संस्कारों में भी 20 बहुत अधिक संख्या है ।
कोरोना वायरस संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए किए गए उपायों पर अपने हलफनामे में सरकार ने अदालत को शादियों में मेहमानों एवं अंतिम संस्कारों में भाग लेने वालों की सीमा के बारे में बताया। त्रिवेदी ने कहा कि सरकार इस सुझाव पर गौर करेगी। हालांकि उनका कहना था कि जहां तक शादियों का विषय है तो 50 अब भी ज्यादा है लेकिन अंतिम संस्कारों में भाग लेने वालों की 20 की सीमा को विभिन्न पक्ष बढ़ाने की मांग कर रहे है।