BREAKING NEWS

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे पर किया शोक व्यक्त◾J&K : वर्ष 2006 में हुई फर्जी मुठभेड़ मामले में कोर्ट ने पुलिस वाले की जमानत की खारिज◾राकेश टिकैत ने दिया मोदी सरकार को अल्टीमेटम, कहा- 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करो वरना...◾गोवा को कल मिलेगी पहली वंदे भारत ट्रेन, PM मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिखाएंगे हरी झंडी◾ब्रिक्स अब एक विकल्प नहीं बल्कि वैश्विक परिदृश्य की एक स्थापित विशेषता है - विदेश मंत्री एस जयशंकर◾कांग्रेस नेता पवन खेड़ा भाजपा पर कसा तंज, कहा- 'भाजपा सरकार को भारतीय राजनीति का ज्ञान नहीं है'◾इस साल पोलियो का चौथा मामला अफगानिस्तान में आया सामने◾बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त: दिनहाटा में भाजपा नेता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, TMC पर आरोप◾मरा हुआ मानकर भूल गए परिवार वाले, 33 साल बाद अपने घर लौटा शख्स◾West Bengal: कुंतल घोष बोले- स्कूल भर्ती जांच को जानबूझकर गलत दिशा में मोड़ने की कोशिश कर रहा ED◾Excise Policy Case: हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को बीमार पत्नी से मिलने की दी इजाजत◾रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा: ‘जब-जब सेनाएं कमजोर हुईं, तब-तब आक्रांताओं ने भारत को पहुंचाया नुकसान’◾हेमंत सोरेन ने केन्द्रीय अध्यादेश के विरोध में अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने की घोषणा की◾केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल बोले- "कांग्रेस को तय करना है कि वह लोकतंत्र के साथ है या PM मोदी के साथ"◾Jamia violence case: HC ने शरजील इमाम की चार्जशीट को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस◾संजय राउत ने राहुल गांधी की टिप्पणी का किया समर्थन, कहा- 'हम 2024 में भाजपा सरकार को हरा देंगे'◾Wrestlers Protest: अनुराग ठाकुर बोले- पहलवानों के साथ होगा न्याय, पुलिस जल्द दाखिल करेगी चार्जशीट◾मणिपुर में दिख रहा है Amit Shah का असर! उग्रवादियों ने 140 हथियारों के साथ किया आत्मसमर्पण◾यूपी: CM योगी बोले- शहरी क्षेत्र में भी लागू होगी मातृभूमि योजना◾West Bengal: नगरपालिका भर्ती घोटाले में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी ममता सरकार◾

Gujarat OBC Reservation: गुजरात में कांग्रेस और बीजेपी में घमासान, ओबीसी कोटा पर रिपोर्ट आने से पहले ही बढ़ा विवाद

गुजरात सरकार ने स्थानीय निकायों में ओबीसी के प्रतिनिधित्व के मुद्दे का अध्ययन करने के लिए सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश के. एस. झावेरी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया है। स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग जल्द ही राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। आयोग की सिफारिशों और रिपोर्ट को लागू करने के राज्य के फैसले से पहले ही, ओबीसी आरक्षण का श्रेय लेने की होड़ दो प्रमुख दलों - भाजपा और कांग्रेस के बीच शुरू हो गई है।

भाजपा और कांग्रेस दोनों ने स्वीकार किया है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी 52 प्रतिशत है। कुल 146 उपजातियां ओबीसी श्रेणी में आती हैं। कांग्रेस स्थानीय निकायों, पंचायतों और नगर पालिकाओं में ओबीसी के लिए कम से कम 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रही है। भाजपा ने सुझाव दिया है कि जनसंख्या को देखते हुए आयोग को उचित आरक्षण की सिफारिश करनी चाहिए। साथ ही, पार्टी ने आयोग को सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी की याद दिलाई, जिसमें कहा गया था कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया आरोप 

वही, राजनीतिक दलों में घमासान शुरू हो चुका है। भाजपा प्रवक्ता भरत डांगर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कभी किसी पिछड़े समुदाय के उत्थान और आरक्षण की परवाह नहीं की। उनके शासन में कालेलकर आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में चली गई। इसके खिलाफ जनसंघ समर्थित स्वर्गीय बाबूभाई पटेल सरकार ने 1977 में बख्शी आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लिया। भाजपा के इस दावे पर पलटवार करते हुए गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमित चावड़ा ने आरोप लगाया है कि अगर राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार समय पर ओबीसी आयोग का गठन किया होता तो यह स्थिति पैदा नहीं होती और राज्य चुनाव आयोग स्थानीय निकायों में 10 प्रतिशत आरक्षण को रद्द नहीं करता। जुलाई से अब तक चावड़ा ने जागरूकता पैदा करने के लिए कई ओबीसी समुदाय की बैठकों को संबोधित किया है।

गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी ने तर्क दिया कि कांग्रेस एक समुदाय के लिए आरक्षण और स्थानीय निकायों में उनके प्रतिनिधित्व की मांग कर रही है, इससे सभी दलों को फायदा होने वाला है। भाजपा ने अपनी सभी जिला समितियों को स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपने का निर्देश दिया है। विधानसभा चुनाव के नतीजों से ही स्पष्ट होगा कि इस मुद्दे से किस पार्टी को फायदा हुआ।