उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। पार्टी और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद रावत कांग्रेस में शामिल होंगे। उन्होंने खुद इस बात की पुष्टि की है।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने भावुक होते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर चले एक मनगढ़ंत समाचार को आधार बनाकर उन्होंने (मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी) इतना बड़ा निर्णय ले लिया जबकि मेरे सबसे अच्छे संबंध थे लेकिन उन्होंने मुझे से बिना बात किए हुए इतना बड़ा निर्णय ले लिया। मुझे लगता है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि।
उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में अगर नहीं आया होता था तो मैं बीजेपी को 4 साल पहले ही छोड़ देता। मुझे कोई मंत्री पद का शौक नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता था। मैं अब कांग्रेस पार्टी से बात करूंगा और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है।
हरक सिंह ने राज्य में कांग्रेस सरकार बनने का किया दावा
बीजेपी से निष्कासित करने पर राज्य में कांग्रेस सरकार बनने का दावा करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा, उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है। मैं अब कांग्रेस से बातचीत करूंगा और मैं कांग्रेस में ही जाऊंगा और किसी पार्टी में नहीं जाऊंगा और बिना शामिल हुए भी मैं कांग्रेस के लिए काम करूंगा।
चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा कदम उठाते हुए अपनी ही सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा सख्त कदम उठाने से पहले पार्टी ने भी अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं करने का हवाला देकर रावत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है।
कांग्रेस, BJP और फिर कांग्रेस
बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हरक सिंह रावत पिछले लंबे समय से बीजेपी से नाराज चल रहे थे। रावत लगातार अपनी नाराजगी को सार्वजनिक तौर पर जता भी रहे थे। बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत बीजेपी से अपने और अपनी बहू, दोनों के लिए विधानसभा का टिकट मांग रहे थे। लेकिन बीजेपी ने साफ तौर पर उन्हें यह कहते हुए मना कर दिया कि एक परिवार से दो लोगों को टिकट नहीं दिया जा सकता।