पिथौरागढ़ : गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित करने को लेकर सीएम त्रिवेन्द्र रावत के बयान पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि सरकार ठंड का बहाना बनाकर पहाड़ को बदनाम कर रही है। रावत ने कहा कि सरकार गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित कराए और वह वादा करते हैं कि कांग्रेस के सबसे सीनियर विधायक सत्र में मौजूद रहेंगे। रावत ने कहा कि अन्य पहाड़ी राज्यों में विधानसभा के सत्र आयोजित होते हैं लेकिन वहां की सरकारों ने कभी भी ठंड का बहाना नहीं बनाया।
यह कहा था सीेएम ने : बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सर्दियों में गैरसैंण में विधानसभा सत्र न कराए जाने की बड़ी वजह ठंड को बताया था. उन्होंने तर्क दिया था कि बहुत से विधायक बुजुर्ग हैं और उनकी बात सरकार को सुननी होती है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष के बयान पर टिप्पणी करते हुए यह भी कहा था कि सत्र कहां करवाना है यह सरकार की ज़िम्मेदारी होती है और वही तय करती है।
प्रेमचंद अग्रवाल की सलाह : इससे पहले गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सरकार को गैरसैंण में शीतकालीन सत्र आयोजित करने की सलाह दी थी और कहा था कि साल में कम से कम एक बार गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित करना चाहिए। अग्रवाल ने यह भी कहा था कि चूंकि सिर्फ़ विधानसभा सत्र की तारीख का ऐलान सरकार ने किया है इसलिए गैरसैंण में सत्र आयोजित करने की संभावना अभी ख़त्म नहीं हुई है।
कुंजवाल भी तैयार : गुरुवार को ही मुख्यमंत्री के सर्दियों में गैरसैंण में सत्र आयोजित करने से बुजुर्ग विधायकों को दिक्कत होने की आशंका पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल ने भी ऐतराज़ जता दिया था। जागेश्वर के कांग्रेसी विधायक कुंजवाल ने कहा था कि सरकार गैरसैंण में सत्र करवाए, वह चलने को तैयार हैं।