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सौराष्ट्र और जामनगर में भारी बारिश, CM भूपेंद्र पटेल आज इलाकों में हुई तबाही का करेंगे हवाई सर्वेक्षण

मंगलवार दोपहर को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को सौराष्ट्र, मुख्य रूप से जामनगर और राजकोट में भारी बारिश से हुई तबाही का हवाई निरीक्षण करेंगे।

गुजरात के भारी बारिश से राजकोट और जामनगर में नदियां उफान पर आ गईं और निचले इलाकों में लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा। इसके चलते विभागों को चेतावनी जारी करनी पड़ी और बचाव एवं राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया। मंगलवार दोपहर को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को सौराष्ट्र, मुख्य रूप से जामनगर और राजकोट में भारी बारिश से हुई तबाही का हवाई निरीक्षण करेंगे। इन इलाकों में दो दिनों से भी कम समय में मूसलाधार बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है। सौराष्ट्र में अब तक 7,656 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल दोपहर बाद जामनगर और राजकोट के हवाई निरीक्षण के लिए रवाना होंगे। उनके साथ पूर्व राजस्व मंत्री आर.सी. फालदू, जामनगर की सांसद पूनमबेन मदाम और गुजरात के मुख्य सचिव पंकज कुमार भी होंगे।प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है। कई लोगों को सोमवार को भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों से एयरलिफ्ट करना पड़ा। आईएएफ ने जामनगर से 24 लोगों को बचाया।
राजकोट की लोधीका तहसील में इतनी तेज बारिश हुई कि सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक महज दस घंटे में करीब सात इंच बारिश हुई। पानी लोगों के घरों में घुस गया और भोजन, कीमती सामान और संपत्ति को नष्ट कर दिया। एनडीआरएफ की टीमों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया। कई गांव बाकी इलाके से कटकर द्वीपों में तब्दील हो गए।
स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में औसत वार्षिक वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत प्राप्त हुआ है, सौराष्ट्र के अधिकांश जिलों में वार्षिक औसत का 92 प्रतिशत से 98 प्रतिशत प्राप्त हुआ है।भारतीय मौसम विभाग ने सौराष्ट्र के कई स्थानों के लिए मंगलवार को ऑरेंज अलर्ट और बुधवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

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