देहरादून : उत्तराखंड के कई हिस्सों खासतौर पर कुमाऊं क्षेत्र में भारी बारिश हुई। सबसे ज्यादा 222 मिमी बारिश उधम सिंह नगर जिले के कथिमा में हुई। वहीं उधम सिंह नगर के ही अन्य स्थान कीछा में 135 मिमी बारिश दर्ज हुई। इसके बाद देहरादून जिले के कल्सी में 129 मिमी और रायवाला में 115 मिमी बारिश हुई। आपदा प्रबंधन कार्यालय ने यहां बताया कि चम्पावत जिले के बनबासा में 79 मिमी बारिश हुई। पिथौरागढ़ की काली और गोरी नदी खतरे के निशान से सिर्फ कुछ मीटर ही नीचे बह रही थी।
वहीं गंगा नदी खतरे के निशान से बस तीन मीटर ही नीचे थी। मौसम विभाग ने 15 जुलाई तक इसी तरह का मौसम रहने की संभावना जताई है। इस दौरान नैनीताल, चम्पावत, यूएस नगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी, देहरादून और हरिद्वार में भारी बारिश हो सकती है। उत्तराखंड में देर रात से हो रही बारिश के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देहरादून की सड़के बारिश के बाद तालाब बन गई हैं। कई जगह पेड़ गिरने से जाम भी लग गया। वहीं पहाड़ में भी भूस्खलन से रास्ते बंद हो गए हैं।
मसूरी में भी तेज बारिश से तापमान में गिरावट आई है। रात से हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चेतावनी के बाद जिला प्रशासन द्वारा भी अलर्ट जारी आपदा प्रबंधन और राहत टीम को सतर्क रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद प्रदेश के कई इलाकों में देर रात से बारिश शुरू हो गई है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी बारिश होगी।
विशेषकर राजधानी दून, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी और पौड़ी जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है। टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पर टिपिन टॉप और अमरू बैंड में पहाड़ी दरकने से भूस्खलन हो गया। चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग के सहायक अभियन्ता एनसी पाण्डेय ने बताया कि सुबह 7 बजे बजे रास्ता बंद हो गया है। जिसे खोला गया है, लेकिन लगातार बारिश होने के कारण सावधानी से चलने की जरूरत है।
– सुनील तलवाड़