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हेमंत सोरेन ने केन्द्रीय अध्यादेश के विरोध में अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने की घोषणा की

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शु्क्रवार को केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र पर केंद्र का हमला गंभीर चिन्ता का विषय है ।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शु्क्रवार को केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र पर केंद्र का हमला गंभीर चिन्ता का विषय है । उन्होंने साथ ही घोषणा की कि संसद में केन्द्रीय अध्यादेश का विरोध करने में उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) आम आदमी पार्टी का साथ देगी। इससे पूर्व आज दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एवं उनके प्रतिनिधिमंडल से सोरेन ने मुलाकात की तथा केन्द्र सरकार के रवैये पर गंभीर चिन्ता प्रकट की।
अध्यादेश के विरोध में हेमंत केजरीवाल का देंगे साथ 
दोनों पार्टियों के नेताओं की मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सोरेन ने कहा, ‘‘ लोकतंत्र पर केंद्र का हमला गंभीर चिंता का विषय है।’’ इस मौके पर केजरीवाल ने कहा, ” झामुमो दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्रीय अध्यादेश का विरोध करने में आप का साथ देगा। हम केन्द्र को लोकतांत्रिक अधिकारों का खुल्लम खुल्ला दमन नहीं करने देंगे।”
सभी दलों को एकजुट होकर अध्यादेश को पारित होने से रोकना होगा
केजरीवाल ने कहा, ”मैं समान विचार वाले राजनीतिक दलों एवं आम लोगों से भी केन्द्र सरकार के इस गैर लोकतांत्रिक कदम का डटकर विरोध करने की अपील करता हूं।” उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 11 मई को सुनाये गये फैसले में केन्द्रीय सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण का अधिकार दिल्ली की चुनी गयी सरकार को दे दिया गया था लेकिन केन्द्र सरकार अपने अध्यादेश के माध्यम से इस अधिकार को वापस हड़पना चाहती है अत: संसद में सभी समान विचार वाले दलों को एकजुट होकर इस अध्यादेश को पारित होने से रोकना होगा।
केजरीवाल एवं मान विशेष विमान से रांची पहुंचे थे
केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और केन्द्र शासित राज्यों के (दानिक्स) कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के उद्देश्य से 19 मई को एक अध्यादेश जारी किया था। यह अध्यादेश सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित मामलों को छोड़कर अन्य मामलों का नियंत्रण सौंपने के बाद लाया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इससे पूर्व चेन्नई में बृहस्पतिवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन से मुलाकात करने के बाद रात में केजरीवाल एवं मान विशेष विमान से रांची पहुंचे थे।

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