आखिरकार असम में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग गई। कई दौर की बैठकों के बाद हिमंत बिस्वा सरमा को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। इससे पहले निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। राज्य के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करने के लिए असम विधानसभा में एक महत्वपूर्ण भाजपा विधायक दल की बैठक हुई।
असम विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन के सत्ता में आने के बाद से सोनोवाल और सरमा दोनों ही मुख्यमंत्री पद की होड़ में थे। सरमा ने 1996 में अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया था और पहली बार 2001 में जालुकबाड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में असम गण परिषद के नेता भृगु फुकन को पराजित किया था। इसके बाद 2006, 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर अपनी जीत का सिलसिला बनाये रखा। इस बार 2021 का चुनाव भी यहीं से लड़ी और छठवीं बार जीत हासिल की।
उन्होंने मंत्री के रूप में असम शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, कृषि, योजना और विकास, पीडब्ल्यूडी और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाला है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, भाजपा महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में बैठक में शामिल हुए।असम के नए मुख्यमंत्री को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच, राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सोनोवाल और हिमंत बिस्व सरमा ने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में शनिवार को मुलाकात की थी।
एक के बाद एक की गई कई बैठकों के बाद सरमा ने संवाददाताओं से कहा था कि भाजपा के विधायक दल की बैठक गुवाहाटी में रविवार को होने की संभावना है और अगली सरकार से संबंधित सारे सवालों के वहां जवाब दिये जाएंगे। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने असम में अगली सरकार के नेतृत्व को लेकर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को सोनोवाल एवं स्वास्थ्य मंत्री सरमा को दिल्ली बुलाया था।
नड्डा के निवास पर असम के दोनों नेताओं, पार्टी अध्यक्ष, शाह और भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष के बीच तीन दौर की बैठकें हुई। ये बैठकें चार घंटे से अधिक समय तक चलीं। असम के सोनोवाल-कछारी आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाले सोनोवाल और उत्तर पूर्व लोकतांत्रिक गठबंधन के संयोजक सरमा मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार हैं।
भाजपा ने असम में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। उसने 2016 विधानसभा चुनाव में सोनोवाल को इस पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था और चुनाव जीता था। इसी के साथ पूर्वोत्तर में भगवा दल की पहली सरकार गठित हुई थी। भाजपा ने 126 सदस्यीय असम विधानसभा में 60 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद से नौ और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ने छह सीटें जीतीं।