उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दावा किया है कि ‘‘होलेस्टिक डेवलपमेंट ऑफ टिहरी लेक एंड इटस कैचमेन्ट’’ एक अति महत्वकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 121 करोड़ रुपए है। रविवार को यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार श्री सतपाल ने नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन कहा कि परियोजना की अवधि लगभग सात वर्ष होगी। इस परियोजना में पांच टूरिस्ट कलस्टर हैं एवं छह सेक्टर हैं। परियोजना में कुल 44 प्रोजेक्ट हैं, जिसमें से 28 प्रोजेक्ट सामुदायिक सहभागिता पर आधारित हैं और नौ प्रोजेक्ट को महिलाओं के समूह द्वारा संचालित किया जायेगा।
इस परियोजना में शामिल क्लस्टरों के अनुसार, कोटी कालोनी का विकास साहसिक पर्यटन का मुख्य केन्द्र के रूप में किया जायेगा। तिवाड़ गाँव का विकास सांस्कृतिक एवं ग्रामीण पर्यटन के रूप में किया जायेगा। जबकि न्यू टिहरी कलस्टर में उसका विकास लेजर एवं कमर्शियल गतिविधियों के रूप में किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने डोबरा उप्पू कलस्टर में उसका विकास एतिहासिक परिपेक्ष में किया जायेगा। मदन नेगी हब का विकास मुख्य रूप से ‘आर्गेनिक फार्मिंग हब’ के रूप में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त पर्यटन विभाग के अन्तर्गत ए.डी.बी। से सहायता प्राप्त कई परियोजनयें संचालित हैं जिसमें मुख्य रूप से मसूरी में जार्ज एवरेस्ट का जीर्णोद्वार एवं विकास, नौ योगा एवं पंचकर्म केन्द, का निर्माण किया जाएगा। जिसमें से पांच कुमांऊ मण्डल में एवं चार गढवाल मण्डल में, आठ का निर्माण (चार कुमाऊ एवं चार गढ़वाल) का पूर्ण हो चुका है।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़वा देने हेतु टिहरी के आठ गांवों में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गढ़वाल मण्डल विकास निगम एवं कुमांऊ मण्डल विकास निगम के 68 गेस्ट हाऊसों में सोलर से बिजली उपलब्ध कराने हेतु कार्य किया जा रहा है। जबकि अल्मोड़ सांस्कृति धरोहर को विकसित एवं सुरक्षित करने हेतु रानी महल एवं मल्ला महल का जीर्णोद्वार किया जा रहा है और साथ ही पिथौरागढ़ में तीन मंजिला पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी क्षमता लगभग 300 वाहनों की होगी।