ड्राफ्ट एनआरसी के प्रकाशन के पहले गृह मंत्रालय ने आज असम सरकार से उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा जिनका नाम राज्य के नागरिकों की सूची में नहीं आया है। मंत्रालय ने असम और पास के इलाके में सुरक्षा बढ़ाने और शांति तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्द्धसैन्य बल के 22,000 जवानों को भेजा है।
परामर्श में कहा गया, ‘‘ड्राफ्ट एनआरसी में जिन लोगों का नाम नहीं आया है उनका नाम विदेशी न्यायाधिकरण में भेजने का सवाल नहीं उठता क्योंकि लोगों को दावे और आपत्ति दाखिल करने का अधिकार है और अंतिम प्रकाशन के पहले उन्हें अवसर दिया जाना है।’’
गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य की एजेंसियों, नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) प्राधिकार और केंद्रीय एजेंसी के बीच तालमेल बनाने के लिए असम सरकार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समन्वय समिति बनाने की सलाह दी गयी है।
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इसमें कहा गया है, ‘‘शिकायतें लेने के लिए राज्य की राजधानी और जिला मुख्यालयों में 24 घंटे चलने वाला नियंत्रण कक्ष काम करेगा और तुरंत समन्वय बनाया जाएगा।’’
ड्राफ्ट एनआरसी के बारे में लोगों तक सूचना पहुंचाने के लिए भारत के महा पंजीयक (आरजीआई) को वेबसाइट, टोल फ्री नंबर, एसएमएस आदि सहित संचार के सभी रूपों का इस्तेमाल करने को कहा गया है।
मंत्रालय ने कहा है कि एनआरसी की कवायद के आधार पर किसी व्यक्ति को हिरासत केंद्र भेजने का सवाल भी नहीं उठता। उन्होंने कहा , ‘‘ राज्य सरकार से इस संबंध में सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को साफ निर्देश जारी करने को कहा गया है। ’’
अधिकारियों ने बताया कि ड्राफ्ट एनआरसी के प्रकाशन के पहले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कुल 220 कंपनियां (हरेक कंपनी में 100 कर्मी) राज्य में भेजी जा रही है । अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि इन टुकड़ियों की तैनाती तुरंत संवेदनशील इलाके में की जाएगी।