श्रवण नाथ नगर के होटल संचालकों के तार देह व्यापार व नशे के कारोबारियों के साथ जुड़े - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

श्रवण नाथ नगर के होटल संचालकों के तार देह व्यापार व नशे के कारोबारियों के साथ जुड़े

हरिद्वार शहर के अंदर यात्रा सीजन के दौरान तथा स्नान पर्वों व लख्मी मेलों में यात्रियों की भरमार रहा करती थी, लेकिन जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया वैसे वैसे…….

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): किसी जमाने में हरिद्वार शहर के अंदर यात्रा सीजन के दौरान तथा स्नान पर्वों व लख्मी मेलों में यात्रियों की भरमार रहा करती थी, लेकिन जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया वैसे वैसे जनसंख्या भी बढ़ती गयी और लोगों में गहराती आस्था के दृष्टिगत हरिद्वार में 12 महीने यात्रियों की भीड़ उमड़ने लगी। वहीं कोविड-19 की बाध्यता समाप्त होने पर हरिद्वार में पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। पर्यटक सुविधा की दृष्टि से अधिकतर रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के समीप अपने ठहरने की व्यवस्था होटलों और लॉज में करते हैं। ऐसी दशा में होटल संचालकों द्वारा यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने दाम पर ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। वहीं, देवपुरा, रेलवे रोड से ललतारो पुल के मध्य बने अधिकांश होटल जिस्मफरोशी तथा संदिग्ध गतिविधियों का केंद्र बने हुए हैं, जिसमें संचालकों के साथ कुछ चर्चित होटल मालिक भी होटलों में चल रही अय्याशी में हिस्सेदारी निभा रहे हैं।
हरिद्वार नगरी के रेलवे रोड के अधिकतर होटल मालिकों द्वारा होटलों को ठेके पर दिए गए हैं। जिसकी आड़ में होटल संचालक नैतिक व अनैतिक तरीके अपनाकर लाभ अर्जित करते हैं। श्रवण नाथ नगर के अधिकांश होटल संचालकों के तार देह व्यापार व नशे के कारोबारियों के साथ जुड़े हुए हैं। इन होटल संचालकों को मालिकों का भी पूरा संरक्षण प्राप्त है। जहां इन होटलों में रुके हुए होटल संचालक अपने यात्रियों को हर तरह की अवैध सुविधाओं को उपलब्ध करा कर मोटा पैसा वसूल करते हैं। मालिकों की इन्हीं कमजोरियों का फायदा उठाते हुए होटल संचालक अतिरिक्त दिन और रात्रि में बिना आईडी प्रूफ के मात्र कुछ घंटे ठहरने की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। यही नहीं होटल यात्री रजिस्टर में यात्रियों के ठहरने के अल्प ब्योरे को दर्ज ना करके राजस्व विभाग को भारी चुना लगा रहे हैं।
इन होटलों में कई नामी अपराधी भी ठहर कर अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर साफ बचकर निकल जाते हैं। अभी हाल की घटनाओं में इन होटलों में पुलिस द्वारा छापा मारकर दूसरे राज्यों से कई फरार अपराधियों को पकड़ा गया है। वहीं, मात्र 8 से 10 हजार वेतन लेने वाले इन संचालकों ने देह व्यापार व नशे के कारोबार से अपने निजी वाहन तथा कई निजी संपत्तियां बना डाली है। इन होटल संचालकों की संपत्तियों की जांच से यह बात प्रमाणित की जा सकती है। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में ऐसे ही भू माफियाओं व अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों की जांच कराने के आदेश दिए हैं। ऐसे होटलों मालिकों तथा संचालकों की जांच अति आवश्यक है। जिससे तीर्थ नगरी की गरिमा धूमिल होने से बचाया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।