हैदराबाद में छापेमारी के दौरान एक फर्जी कम्पनी का खुलासा हुआ है। जहां एक कमरे के अंदर 114 कंपनियां संचालित की जा रही थीं जिसमे काम करने वाले मात्र 25 लोग थे। कंपनियों ने बकायदा निदेशक और उनके वेतन की बैलेंस शीट भी बना रखी थी। इन सभी कंपनियों को शेल कंपनियां बताया जा रहा है। काम करने वाले ज्यादातर कंपनियों के मालिक सत्यम घोटाले के लिए कुख्यात बी. रामलिंगा राजू के परिवार के सदस्य हैं। जुबिली हिल्स के फॉर्चून मोनार्क मॉल के अंदर बना यह कार्यालय एसआरएसआर अडवाइजरी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का पंजीकृत पता है।
एसआरएसआर वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के अधिकारी हैदराबाद के 6 स्थानों पर जांच कर रहे हैं और ज्यादातर स्थान राजू और उसके परिवार से जुड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार, बुधवार को अधिकारियों की एक टीम फॉर्च्यून मोनार्क मॉल की तीसरी मंजिल पर एक रेड के दौरान पहुंची तो उन्हें जांच में पता चला कि एक कमरे के अंदर से 114 कंपनियां संचालित की जा रही थीं। इनमें 50 कंपनियों का कोई बिजनेस ही नहीं था। ये सभी कंपनियां हैदराबाद जुबली हिल इलाके से चलाई जा रही थीं। इन कंपनियों में कई ने तो अपने आपको कई करोड़ के घाटे में बताया था।
एक अधिकारी के अनुसार, इन कंपनियों ने अपनी संपत्ति के रूप में खेती की जमीन को दिखाया हुआ था। ये सभी कंपनियां एक-दूसरे से संबंधित थीं। इन कंपनियों के निदेशक भी हर महीने वेतन उठा रहे हैं। इनमें ऐसे निदेशक हैं जो 25-30 कंपनियों को प्रबंधन अकेले कर रहे हैं। हालांकि भारतीय कानून, एक व्यक्ति को 20 से अधिक कंपनियों के लिए निदेशक होने की अनुमति नहीं देता है। बताया जा रहा है कि अभी ऐसी कम से छह और जगह हैं, जहां पर एक ही घर में 48, 38, 33 और 28 से ज्यादा कंपनियां चल रही हैं। सूत्रों के अनुसार, एसआरएसआर एडवायजरी सर्विस इन सभी कंपनियों की अकाउंटेंट है।
एसआरएसआर के अधिकारियों ने इस बारे में कहा, ‘इन सभी कंपनियों का नाम सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की चार्जशीट में है। ईडी ने इनकी संपत्तियों को अटैच कर दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘ये कंपनियां सक्रिय तो हैं लेकिन ऑपरेशनल नहीं हैं। हम लगभग हरेक के लिए जीरो बैलेंस शीट फाइल कर रहे हैं। हम इन कंपनियों को बंद नहीं कर सकते हैं क्योंकि अगर उनके खिलाफ चल रहा मामला बंद हो जाएगा तो उनकी संपत्तियां वापस होंगी। एसआरएसआर एक अकाउंटिंग फर्म है जो इन कंपनियों की मदद करती है, इसलिए ये सभी एक ही पते चल रही हैं। कई कंपनियों का एक ही पते चलना अपराध नहीं है।’