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सत्ता में लौटने तक विधानसभा में प्रवेश नहीं करूंगा, जानें चंद्रबाबू नायडू ने ऐसा क्यों कहा

एन चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को घोषणा की कि वह सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा उन्हें अपमानित किए जाने के विरोध में वर्तमान कार्यकाल के शेष समय में विधानसभा में प्रवेश नहीं करेंगे।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू एक बड़े नेता है। आंध की राजनीति में एक ऐसा भूचाल आया, जिसने सबको हिलाकर रख दिया। एन चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को घोषणा की कि वह सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा उन्हें अपमानित किए जाने के विरोध में वर्तमान कार्यकाल के शेष समय में विधानसभा में प्रवेश नहीं करेंगे। 
मैं इसके बाद इस सभा में शामिल नहीं होउंगा
उन्होंने कहा, ‘मैं इसके बाद इस सभा में शामिल नहीं होउंगा। मैं फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सदन में लौटूंगा।” विधानसभा से बाहर निकलने से पहले नायडू काफी भावुक दिखे। उनके आंखों में आंसू थे। उन्होंने हाथ जोड़ रखा था। उन्होंने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महिला सशक्तिकरण पर बहस के दौरान विधानसभा में उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ वाईएसआरसीपी सदस्यों द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
फूट-फूट कर रोए चंद्रबाबू नायडू 
बाद में, मंगलागिरी में टीडीपी के राज्य मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, 71 वर्षीय नायडू फूट-फूट कर रो पड़े। वह कुछ मिनटों के लिए नहीं बोल सके, क्योंकि उसकी आवाज भावनाओं से बंधी हुई थी। वह कुछ मिनटों के लिए अपने चेहरे को हाथों से ढंक कर रो रहे थे।
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी कभी राजनीति में नहीं रहीं। रोते हुए नायडू ने कहा, “चाहे मैं सत्ता में रहूं या बाहर, मेरे जीवन के हर कदम पर मुझे प्रोत्साहित करने के अलावा, उन्होंने कभी भी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया। फिर भी, उन्होंने मेरी पत्नी को अपमानित करने की कोशिश की।”
40 साल के राजनीतिक जीवन में कभी इतना कष्ट महसूस नहीं किया
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में कभी इतना कष्ट महसूस नहीं किया। टीडीपी चीफ ने कहा, “मैंने अपने जीवन में कई संघर्षों, उतार-चढ़ावों का सामना किया। मैंने विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में कई गरमागरम बहसें देखीं। लेकिन विपक्ष को इस तरह से कुचलना अभूतपूर्व है।”
नायडू ने वर्तमान सभा की तुलना महाकाव्य महाभारत की कौरव सभा से की, जहां शक्तिशाली कौरवों ने पांडवों की पत्नी द्रौपदी को सबके सामने उतारने की कोशिश करके उनका अपमान किया।
मेरी पत्नी का नाम घसीटते हुए गालियां दे रहे थे तो अध्यक्ष मूकदर्शक बने रहे
उन्होंने कहा, ‘अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जब सत्ता पक्ष के सदस्य मेरी पत्नी का नाम घसीटते हुए गालियां दे रहे थे तो अध्यक्ष मूकदर्शक बने रहे। मुझे बाकी कार्यकाल के लिए विधानसभा से दूर रहने के मेरे फैसले पर बोलने और बयान देने का मौका भी नहीं दिया। मुझे अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ा।”
उन्होंने कहा, “मैं पिछले ढाई साल से अपमान का सामना कर रहा हूं। जब मेरी गरिमा से समझौता किया जाता है, तो सभा में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। मैं अपनी लड़ाई लोगों तक ले जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा। मैं मुख्यमंत्री के रूप में लोगों का जनादेश प्राप्त करने के बाद ही विधानसभा में लौटूंगा।”
तो TDP सदस्यों ने विरोध में मंच पर धावा बोल दिया 
यह सब महिला सशक्तिकरण पर चर्चा को लेकर टीडीपी और वाईएसआरसीपी सदस्यों के बीच वाकयुद्ध के साथ शुरू हुआ। टीडीपी विधायकों ने वाईएसआरसीपी सदस्य अंबाती रामबाबू के भाषण को बाधित करने की कोशिश की, जो विपक्षी दल पर हमला कर रहे थे।
जब रामबाबू ने कथित तौर पर नायडू की पत्नी का जिक्र करते हुए कुछ भद्दी टिप्पणियां कीं, तो टीडीपी सदस्यों ने विरोध में मंच पर धावा बोल दिया और उनसे माफी की मांग की। मंत्री बालिनेनी श्रीनिवास रेड्डी और कोडाली नानी सहित वाईएसआरसीपी के अन्य सदस्य भी टीडीपी सदस्यों के साथ झड़प में पोडियम पर पहुंच गए।

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