झारखंड में प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (PM KISAN YOJNA ) के तहत 15.27 लाख से अधिक लोगों के लिए वित्तीय लाभ रोक दिया गया है क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने में विफल रहे हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने झारखंड समेत सभी राज्यों के लाभार्थियों से रिपोर्ट मांगी है।
4.07 लाख किसानों का केवाईसी अपडेट नहीं
सरकार उन लोगों की भी पहचान कर रही है, जिन्होंने इस योजना के तहत धोखाधड़ी से लाभ उठाया। ऐसे लोगों को भुगतान की गई राशि सरकार द्वारा वसूल की जाएगी। झारखंड में, 15.27 लाख लाभार्थी, जिन्होंने या तो भूमि दस्तावेज जमा नहीं किए हैं या अद्यतन केवाईसी नहीं किए हैं, सरकार के रडार पर हैं। इन 15.27 लाख लाभार्थियों में से 11.2 लाख लोगों ने जमीन के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं, जबकि 4.07 लाख किसानों ने केवाईसी अपडेट नहीं किया है।
मई 2019 में, राज्य में 30.97 लाख से अधिक किसानों ने योजना के तहत पंजीकरण कराया था। उन्हें चार से छह किश्तों तक का वित्तीय लाभ भी दिया गया है, लेकिन अब सरकार ने 15.27 लाख लोगों को वित्तीय सहायता भेजना बंद कर दिया है क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने में विफल रहे हैं।
लोग बिना उचित दस्तावेज के ले रहे थे लाभ
राज्य में अधिकांश लाभार्थी जिन्होंने बिना जमीन के दस्तावेज जमा किए लाभ लिया, वे देवघर के हैं, जहां 61,442 किसानों ने दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। इसी तरह, पलामू (36,536), गोड्डा (32662), चतरा (29551), गिरिडीह (27215), हजारीबाग (25574) और रांची (21973) में ऐसे किसान हैं। शेष जिलों में भी बड़ी संख्या में लोग बिना उचित दस्तावेज के लाभ ले रहे थे।
कई जिलों में प्रशासन ने गलत लाभ लेने वालों को नोटिस जारी किया है।हालांकि, जो किसान अपना केवाईसी अपडेट करवाएंगे, उन्हें वित्तीय लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। मार्च तक देशभर में पीएम-किसान योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों को 4,350 करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किए जा चुके हैं।