पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई डिजिटल बैठक के दौरान दो घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया। राज्य सचिवालय के एक शीर्ष सूत्र ने यह जानकारी दी।
बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे
उन्होंने कहा कि बनर्जी को 'आजादी के अमृत महोत्सव' बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया गया क्योंकि उनका नाम वक्ताओं की सूची में नहीं था।सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना पर नाखुशी जाहिर की है, जिससे राज्य का पूरा प्रशासन भी आहत है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे।
पहले भी ममता ने लगाया आरोप
इससे पहले भी ममता बनर्जी या बंगाल सरकार ने केंद्र पर न बोलने देने का आरोप लगाया हो। इसी साल मई में कोरोना प्रबंधन को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग पीएम की बैठक के वक्त भी ममता ने यह आरोप लगाया था। उस समय ममता ने मीडिया से कहा था कि बैठक में उन्हें अपमानित महसूस कराया गया।
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