देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच केरल से लगातार चिंता बढ़ाने वाली आंकड़े आ रहे हैं। एक तरफ जहां देश के कई राज्यों में कोरोना केस कम हुए हैं तो वहीं केरल में स्थिति अच्छी नजर नहीं आ रही है। रोजोना आने वाले देश भर के कोरोना मरीजों के आंकड़ों में अकेले केरल से 50 से 60 प्रतिशत के आसपास होते हैं।
वहीं कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि केरल से यहां (कर्नाटक) आने वाले लोगों के लिए एक सप्ताह का संस्थानिक पृथकवास अनिवार्य होगा, भले ही उनका टीकाकरण हो चुका हो और उनके पास निगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट हो। यह कदम केरल से हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों पर भी लागू होगा और वे संस्थानिक पृथकवास के लिए तय होटलों में से, अपनी पसंद का होटल चुन सकते हैं।
संस्थानिक पृथकवास से गुजरने वाले इस तरह के यात्रियों की छठे दिन जांच की जाएगी और अगर सातवें दिन उनकी रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं होती है तो उन्हें जाने दिया जाएगा। सुधाकर ने बताया कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को एक बैठक की अध्यक्षता की और इसमें यह निर्णय लिया गया।
केरल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। केरल में सोमवार को कोविड-19 के 19,622 नए मामले सामने आए और 132 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 40,27,030 और मृतकों की संख्या बढ़कर 20,673 हो गई।