चुनाव आयोग द्वारा कल चुनाव की घोषणा करने के बाद 12 घंटों में त्रिपुरा राज्य में अगल-अगल जगहों पर हिंसा की घटना देखने को मिली है। हिंसा में हत्या की भी घटना सामने आई है। हिंसा के कारण पांच घटनाएं हुई है जिसमें पुलिस ने हिंसा में शामिल छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया था कि चुनाव बिना किसी हिंसा के होंगे।
भाजपा ने विपक्षी पार्टियों पर लगाए आरोप?
इन सभी घटनाओं में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विपक्षी कांग्रेस, सीपीएम और टिपरा मोथा ने साजिश रचने का आरोप लगाया गया है, लेकिन आरोपी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
कहा- कहा हिंसा की हुई घटना ?
पुलिस ने कांग्रेस के दो लोगों को सिपाहीजाला जिले के विशालगढ़ में एक पुराने मामले में पार्टी की रैली से लौटते समय गिरफ्तार किया है। पूर्वी अगरतला के मजलिसपुर निर्वाचन क्षेत्र में दोपहर में भाजपा के बदमाशों द्वारा किए गए चार हमलों में एआईसीसी सचिव डॉ अजॉय कुमार सहित कम से कम 32 लोग घायल हो गए। दक्षिण त्रिपुरा के राजनगर निर्वाचन क्षेत्र के बरपथरी इलाके में भाजपा के बदमाशों द्वारा एक रैली में भाग लेकर घर लौट रहे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पांच कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया।
कितने नेताओं को किया गया गिरफ्तार?
पुलिस ने हमले के सिलसिले में कांग्रेस और भाजपा के एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्राणजीत नामशूद, (44) को गंभीर हालत में धलाई जिले के सूरमा विधानसभा क्षेत्र के दुर्गा चौमुहानी इलाके से आधी रात को अस्पताल लेकर गई जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। टिपरा नेता प्रणजीत ने मंगलवार को इलाके में भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ धमकी देने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बुधवार शाम को घर लौट रहे प्राणजीत पर बदमाशों ने हमला कर दिया। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
निर्वाचन अधिकारी ने क्या किया दावा?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) किरण गिट्टे ने दावा किया कि प्रत्येक घटना में प्राथमिकी दर्ज की गई है और पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में पर्याप्त केंद्रीय पुलिस बल तैनात किया गया है और वे मतदाताओं में विश्वास जगाने के लिए फ्लैग मार्च कर रहे हैं।