मध्य प्रदेश के इंदौर में बहुचर्चित बैट कांड की वजह रहे विवादस्पद मकान को इंदौर नगर निगम ने शुक्रवार को ढहा दिया है । जब निगम अधिकारी इस मकान को गिराने के लिए पहुंचे थे तो आकाश की उनसे झड़प हो गई थी। इससे पहले नगर निगम के फैसले पर रोक लगाए जाने वाली याचिका को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने इस अभियान से प्रभावित होने वाले परिवार को जल्द राहत प्रदान करने के लिए शहरी निकाय बोर्ड को आदेश दिया था कि मकान ढहाए जाने से पहले प्रभावित लोगो को अस्थायी निवास की वैकल्पिक सुविधा प्रदान कराई जाए।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने करीब सवा घंटे तक दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद इस आशय का फैसला सुनाया। प्रभावित परिवार के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने बताया, ”अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि जर्जर मकानों को ढहाने की इंदौर नगर निगम की मुहिम चूंकि जनता के व्यापक हितों में है इसलिए वह इस अभियान में दखल नहीं देगी।”
अस्थायी निवास में तीन महीने तक रह सकता है परिवार
भार्गव ने कहा, ‘अदालत ने मामले से संबंधित गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के मकान को तोड़े जाने पर स्थगन आदेश पारित किए जाने की हमारी याचिका को स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिया कि वह प्रभावित परिवार के लिए दो दिन के समय के अंदर किसी दूसरे निवास का इंतजाम करे और जब तक इस अस्थायी निवास में यह परिवार तीन महीने तक रह सकता है।
मकान निरीक्षक को आकाश विजयवर्गीय ने क्रिकेट के बैट से धुना
गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के इसी मकान को तोड़ने की मुहिम के विरोध के समय भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश ने विवाद के बाद नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था।