मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिये व्यापक स्तर पर प्रयास किये जाने चाहिये। श्रीमती पटेल यहां हिन्दी भवन में आयोजित कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की प्रदेश इकाई की बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं ने आर्थिक आत्म-निर्भरता के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है।
मुद्रा बैंक योजना का लाभ लेकर अनेक महिलाओं ने सफलता से स्व-रोजगार की स्थापना की है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्रीमती पटेल ने कहा कि व्यापारी अर्थ-व्यवस्था का आधार होते हैं। व्यापार और व्यवसाय का अंतर ही विकसित और पिछड़ अर्थ-व्यवस्था का स्वरूप निर्धारित करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास और व्यापारिक उन्नति के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। टेक्नालॉजी का उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2025 तक देश में विश्व का 5वां सबसे बड़ा बाजार उपलब्ध होगा।
भविष्य का व्यापार लेन-देन के विकल्पों और सेवाओं के ज्ञान से जुड़ा वि-निर्माण में होगा। राज्यपाल ने कहा कि व्यापारियों को इन परिस्थितियों के साथ संयोजन के लिए व्यापारिक मार्गदर्शन और संरक्षण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अनुभव से ही विचारों में परिवर्तन आता है। व्यापारिक गतिविधियों में संलग्न महिलाओं को आगे लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जल-संरक्षण और संवर्धन के कार्य केवल सरकार और नगरीय निकायों की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिये जनता को भी आगे आना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को पौधे रोपने के साथ उनको जीवित रखने की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। तभी पौध-रोपण सफल होगा। उन्होंने जल और भोजन का अपव्यय रोकने की अपील की। कॉन्फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद, जैन ने बताया कि देश के 27 राज्यों के 6000 से अधिक व्यापारिक संगठन के सात करोड़ व्यापारी संस्था के सदस्य हैं। कार्यक्रम में संस्था के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल, सुश्री सीमा सेठी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधेश्याम महेश्वरी उपस्थित थे।