झारखंड की राजधानी रांची में पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल 10 लाख के इनामी नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक ने शुक्रवार को रांची में पुलिस के आला अफसरों के सामने सरेंडर कर दिया। उसने एक एके-47, दो मैगजीन और 150 कारतूस पुलिस को सौंपे। मौके पर मौजूद रहे झारखंड पुलिस के आईजी अभियान एवी होमकर ने कहा कि महाराज प्रमाणिक माओवादी नक्सलियों के संगठन का बेहद अहम सदस्य रहा है। उसका हथियार डालना और सरकार की नीतियों पर विश्वास जताते हुए मुख्यधारा में लौटना एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, राज्य में नक्सली लगातार कमजोर हो रहे हैं और उनका खात्मा निश्चित है। हथियार डालने के बाद महाराज प्रामाणिक भी मीडिया से मुखातिब हुआ।
नक्सली संगठनों के पास कोई सिद्धांत या विचारधारा नहीं बची : महाराज
मीडिया से बातचीत करते हुए नक्सली कमांडर ने कहा कि, नक्सली संगठनों के पास कोई सिद्धांत या विचारधारा नहीं बची है। उनका एकमात्र लक्ष्य अवैध वसूली करना है। महाराज ने कहा कि माओवादी संगठन में बड़े लीडर महिलाओं का शोषण करते हैं। हथियारों के बल पर लोगों को भयभीत करके उनका समर्थन हासिल करने की नक्सलियों की रणनीति अब नाकाम हो रही है। संगठन को लोगों का समर्थन मिलना खत्म हो गया है। उसने नक्सली संगठन से जुड़े सभी युवाओं से अपील की कि वे सिद्धांतहीन हो चुके संगठन से छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों। सरकार की सरेंडर पॉलिसी मुख्यधारा में लौटनेवाले नक्सलियों को बेहतर जीवन का गारंटी दे रही है।
डेढ़ दशक से मोस्ट वांटेड था नक्सली कमांडर
बता दें कि महाराज प्रमाणिक झारखंड पुलिस के लिए पिछले डेढ़ दशक से मोस्ट वांटेड बना हुआ था। सरायकेला खरसावां के दाड़ुदा गांव निवासी महाराज प्रमाणिक 2008 में चोरी के केस में दो बार जेल गया था। जेल से निकलने के बाद 2009 में वह नक्सली संगठन में शामिल हो गया था। वह दो दर्जन से भी ज्यादा नक्सली वारदातों में वांछित था। 14 जून 2019 को महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में माओवादियों ने सरायकेला के कुकुरूहाट में पुलिस बलों पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। मार्च 2021 में लांजी में आईईडी धमाके में भी तीन पुलिसकर्मियों की हत्या का भी आरोप महाराज प्रमाणिक पर है। राज्य पुलिस के साथ साथ एनआईए भी उसकी तलाश कर रही थी। वह माओवादियों की दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी का कमांडर था।
पिछले वर्ष महाराज ने छोड़ दिया था संगठन
माओवादियों के प्रवक्ता अशोक ने पिछले साल प्रेस बयान जारी कर कहा था कि महाराज संगठन छोड़कर भाग खड़ा हुआ है। उसके पास संगठन के 40 लाख, एक एके 47 रायफल, 150 से अधिक गोलियां और पिस्टल है। महाराज प्रमाणिक के दस्ते के तीन सदस्य बैलून सरदार, सूरज सरदार और सूरज की पत्नी पुलिस के सामने पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं। शुक्रवार को महाराज प्रमाणिक के सरेंडर के मौके पर राज्य के आईजी अभियान एवी होमकर के अलावा जोनल आईजी पंकज कंबोज और एसटीएफ के डीआईजी अनूप बिरथरे सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।