झारखंड के रामगढ़ उपचुनाव में एनडीए को बड़ी जीत मिली है। बता दें भाजपा और आजसू गठबंधन ने झारखंड की महागठबंधन सरकार को बड़ा झटका दिया है।यह जीत भाजपा के लिए बहुत खास है।रामगढ़ की जीत ने एक तरह से यह साबित किया कि एनडीए ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ चल रही सत्ता विरोधी लहर को बखूबी भुनाया और इसका फायदा भी उठाया।
आपको बता दें कि रामगढ़ में मिली जीत से इस बात का पता चलता है कि एनडीए ने प्रदेश में बेरोजगारी, विधि-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, स्थानीयता विधेयक और मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत विश्वसनीयता में आई कमी का लाभ उठाया है। सवाल है कि क्या यह जीत बीजेपी के मिशन-2024 में फायदा पहुंचाएगी।
दरअसल, 2014 के विधानसभा चुनावों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला था। ऐतिहासिक ढंग से रघुवर दास सरकार ने झारखंड में पहली बार 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। लेकिन, 2019 में बीजेपी और आजसू की राहें अलग हुईं। परिणास्वरूप एनडीए को सत्ता से बाहर जाना पड़ा। कांग्रेस-झामुमो-राजद महागठबंधन की सरकार बनी। सरकार गठन के बाद 4 उपचुनाव हुए और उनमें भी बीजेपी अकेले लड़ी। हार मिली।2019 में जिन सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी जीते, वहां जीत का मार्जिन, बीजेपी-आजसू के संयुक्त वोट के अंतर से काफी कम था। यदि वहां एनडीए लड़ती तो जीतती।