ममता के राज में पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र के कोमा में चले जाने का बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है. पश्चिम बंगाल में जो लोग मां, माटी, मानुष की बात करते थे, वहां न मां, न माटी, न मानुष उनके राज में रहा। पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार की कार्यशैली विपक्ष को चुप कराने की है।
शुक्रवार को नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में डेमोक्रेसी इन कोमा – साइलेंस्ड वॉयस ऑफ वीमेन विक्टिम्स इन बंगाल के लॉन्च के मौके पर बोलते हुए नड्डा ने कहा कि यह कहना सही है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र कोमा में है। उन्होंने कहा कि भारत की सोच और भारत के संविधान में किसी भी सत्तावाद या तानाशाही के लिए कोई जगह नहीं है। लेकिन पश्चिम बंगाल में जो घटनाएं हो रही हैं वो अपने आप में बहुत चिंताजनक हैं।
जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में लगातार बढ़ रही हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल हिंसा की बात करें तो मैं इसका भुक्तभोगी हूं। जब मैं पश्चिम बंगाल में पार्टी का चुनाव प्रचार करने के लिए डायमंड हार्बर गया था, तब पहले दिन ही मुझ पर कोल्ड ब्लडेड हमला किया गया था। यदि मेरी गाड़ी बुलेट प्रूफ नहीं होती तो कुछ भी हो सकता था। जब मेरे साथ ऐसा हो सकता है तो पश्चिम बंगाल की आम जनता के साथ क्या-क्या नहीं हो सकता है! पश्चिम बंगाल में हिंसा का यह नया तरीका खोज लिया गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या के बाद, फिर उसे आत्महत्या साबित करके केस को बंद कर दिया जाता है।
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद मई 2021 में हिंसा की सैकड़ों घटनाएं हुईं। लोगों के घर जलाए गए, दुकानें लूटी गईं, लोगों को पीटा गया और महिलाओं के साथ अमानवीय दुर्व्यवहार किया गया। चुनाव के बाद हुई हिंसा में हत्या की करीब 57 घटनाएं हुईं। यौन उत्पीड़न की 123 घटनाएं हुईं। बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की ग्यारह घटनाएं दर्ज की गईं। सीबीआई ने 47 मामले दर्ज किए हैं। सीबीआई ने 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। करीब ढाई हजार पीड़ितों ने राष्ट्रीय आयोग के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए। टीएमसी सरकार ने पश्चिम बंगाल में ऐसी स्थिति पैदा कर दी है। इस हिंसा के बाद पीड़ितों के लिए 100 से ज्यादा कैंप लगाने पड़े थे. कई लोग अभी भी अपने घर नहीं पहुंच पाए हैं।
जेपी नड्डा ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध करीब 74.8 प्रतिशत हैं। एसिड अटैक के मामले में पश्चिम बंगाल देश में अव्वल है। 18 से 30 साल की उम्र की महिलाओं के खिलाफ सबसे गंभीर अपराधों में यह देश में सबसे आगे है। दहेज हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल देश में चौथे स्थान पर है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी के शासन में महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है।
ममता ने सरकार पर लगातार फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया। पार्क स्ट्रीट रेप केस को लेकर तीन कन्या फिल्म के प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई थी. कार्टूनिस्ट को जेल में डाल दिया गया और अब राज्य में ‘द केरला स्टोरी’ पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। जबकि द केरला स्टोरी फिल्म फलते-फूलते आतंकी साजिश को उजागर करती है। यह किसी धर्म या राज्य से जुड़ा मसला नहीं है, बल्कि देश से जुड़ा मसला है और देखा जाए तो यह कई मायनों में वैश्विक समस्या बन चुका है।
ममता सरकार पर हिंसा के साथ-साथ भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल शासन में भ्रष्टाचार चरम पर है. ममता बनर्जी की वजह से पश्चिम बंगाल में अभी तक आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं हो पाई है। मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर घोटाला किया जा रहा है। मनरेगा का उपयोग प्रमाण पत्र भी केंद्र सरकार को नहीं दिया जाता है। और इसके बाद भी ममता बनर्जी का कहना है कि बंगाल के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को पैसे का हिसाब भी नहीं देना चाहिए और कानून का पालन नहीं करना चाहिए, ऐसा कैसे हो सकता है.
पश्चिम बंगाल में अनाचार और महिलाओं पर अत्याचार पर विस्तार से इस पुस्तक को लिखने के लिए भाजपा अध्यक्ष ने पुस्तक की लेखिकाओं सोनाली चितलकर, विजिता एस. अग्रवाल, श्रुति मिश्रा और मोनिका अग्रवाल की सराहना की है। नड्डा ने कहा कि उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार में महिलाओं की वर्तमान भयावह स्थिति को पूरे देश के सामने रखने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।