मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार का आज बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार होना है। मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अन्याय के खिलाफ छेड़े गए संघर्ष को धर्म बताया है। सिंधिया भोपाल में चौहान मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार समारोह में हिस्सा लेने के साथ दो दिन तक रहने वाले है।
सिंधिया ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘अन्याय के खिलाफ छेड़ा गया संघर्ष ही धर्म है।’ गौरतलब है कि राज्य में सिंधिया के कारण ही बीजेपी की सरकार बनी है। यही कारण है कि शिवराज मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों को पर्याप्त महत्व दिया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस सिंधिया पर कई तरह के आरोप लगा रही है। सिंधिया के इस ट्वीट को कांग्रेस के आरोपों का जवाब माना जा रहा है।
अन्याय के खिलाफ़ छेड़ा गया संघर्ष ही धर्म है|
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 2, 2020
मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल राजभवन में लगभग 24 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। राजधानी में मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे, प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुहास भगत की बुधवार की शाम से शुरू हुई बैठक देर रात तक चली। सहस्रबुद्ध दिल्ली से केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सुझाए गए नामों की सूची लेकर भोपाल पहुंचे।
इस बैठक में संभावित नामों पर चर्चा किए जाने के साथ कई वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर सहमति बनी। जिन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाना है, उनसे वरिष्ठ नेताओं ने बात भी की है। सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेताओं की बैठक में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल, गौरीशंकर बिसेन, संजय पाठक सहित कई नेताओं को बुलाया गया और उनसे चर्चा भी की गई।
संभावना इस बात की जताई जा रही है कि जिन नेताओं को मंत्री नहीं बनाया जा रहा है, उन्हें पार्टी ने भरोसा दिलाया है कि उनके महत्व को बरकरार रखा जाएगा। संगठन में उनका बेहतर उपयोग किया जाएगा।