देशभर में नागरिकता संसोधन कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक अटपटा बयान दिया है। उन्होंने कहा की मेरे घर के निर्माण कार्य में कर रहे मजदूरों के खान-पान से मैं समझ गया कि वह बांग्लादेशी हैं।’ विजयवर्गीय ने एक सामाजिक संगठन के कार्यक्रम में नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) की जमकर पैरवी करते हुए यह दावा किया।
बीजेपी महासचिव ने अपने गृहनगर में “लोकतंत्र-संविधान-नागरिकता” विषय पर आयोजित परिसंवाद में कहा कि यहां उनके घर में नए कमरे के निर्माण कार्य के दौरान उन्हें छह-सात मजदूरों के खान-पान का तरीका थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि वे भोजन में केवल पोहा खा रहे थे।
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विजयवर्गीय ने कहा कि इन मजदूरों और भवन निर्माण ठेकेदार के सुपरवाइजर से बातचीत के बाद उन्हें संदेह हुआ कि ये श्रमिक बांग्लादेश के रहने वाले हैं। कार्यक्रम के बाद हालांकि, संवाददाताओं ने जब बीजेपी महासचिव से इन संदिग्ध लोगों के बारे में सवाल किए, तो उन्होंने कहा, “मुझे शंका थी कि ये मजदूर बांग्लादेश के रहने वाले हैं।
मुझे संदेह होने के दूसरे ही दिन उन्होंने मेरे घर काम करना बंद कर दिया था।” उन्होंने कहा, “मैंने पुलिस के सामने इस मामले में फिलहाल शिकायत दर्ज नहीं करायी है। मैंने तो केवल लोगों को सचेत करने के लिए उन मजदूरों का जिक्र किया था।” विजयवर्गीय ने कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में यह दावा भी किया कि बांग्लादेश का एक आतंकवादी पिछले डेढ़ साल से उनकी “रेकी” कर रहा था।
उन्होंने कहा, “मैं जब भी बाहर निकलता हूं, तो छह-छह बंदूकधारी सुरक्षा कर्मी मेरे आगे-पीछे चलते हैं। यह देश में आखिर क्या हो रहा है? क्या बाहर के लोग देश में घुसकर इतना आतंक फैला देंगे?” विजयवर्गीय ने सीएए की वकालत करते हुए कहा, “भ्रम और अफवाहों के चक्कर में मत आइए। सीएए देश के हित में है। यह कानून भारत में वास्तविक शरणार्थियों को शरण देगा और उन घुसपैठियों की पहचान करेगा जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है।”