राजस्थान में जारी सियासी संकट में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ की एंट्री हो चुकी है। कांग्रेस की राजस्थान इकाई में चल रहे संकट के बीच अनुशासनहीनता के चलते पार्टी ने शांति धारीवाल, महेश जोशी और विधायक धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
इसपर कमलनाथ ने कहा कि मेरी अशोक गहलोत से बात हुई है। वहां पर्यवेक्षक गए थे और बैठक बुलाई गई थी। 3-4 लोगों ने अनुशासनहीनता की जिन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है। दरअसल, पार्टी पर्यवेक्षकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी तीन नेताओं के खिलाफ “घोर अनुशासनहीनता” के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी।
दरअसल, 90 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस आलाकमान ने उनसे बातचीत करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षकों के तौर पर राजस्थान भेजा तो विधायकों ने शर्तें रखते हुए उनसे मिलने से मना कर दिया। जिसके बाद पर्यवेक्षकों ने विधायकों पर अनुशासनहीनता करने का आरोप लगाया।
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सूत्रों के मुताबिक दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने सोनिया गांधी को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री गहलोत का जिक्र नहीं किया है। हालांकि विधायक दल की आधिकारिक बैठक में अपने समर्थकों की ओर से विधायकों की बैठक करना अनुशासनहीनता करार दिया गया है।
इतने साल क्या कर रहे थे आप?
PFI पर बैन के केंद्र के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कमलनाथ ने कहा कि जनता को सुरक्षा चाहिए। अगर इतने दिन से ये हो रहा था तो आप क्या कर रहे थे? ये साल भर में तो पैदा नहीं हुई। क्या सबूत अभी मिले हैं? अगर ये आतंकवादी संस्थाओं से पहले से जुड़ी थी तो आप इतने साल क्या कर रहे थे।