कन्याकुमारी लोकसभा क्षेत्र में प्रचार अभियान के दौरान भाजपा अपने उम्मीदवार पी. राधाकृष्णन को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में पेश कर रही है, अगर वह 6 अप्रैल को विधानसभा चुनावों के साथ होने वाले उपचुनाव में चुने जाते हैं। पी. राधाकृष्णन केंद्रीय शिपिंग और वित्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वह तमिलनाडु के सबसे बड़े होम एप्लायंस ग्रुप में से एक वसंत ऐंड कंपनी के मालिक एच. वसंतकुमार के हाथों पराजित हुए थे।
वसंतकुमार का कोविड से संबंधित बीमारी के कारण निधन हो गया, और इसलिए निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था। वसंतकुमार के बेटे विजय वसंत अब पी. राधाकृष्णन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा का प्रचार अभियान विशेष रूप से राधाकृष्णन द्वारा शुरू की गई विकास परियोजनाओं पर केंद्रित है, जबकि वह केंद्रीय राज्य मंत्री थे। चुनाव प्रचार में तेजी आ गई है क्योंकि सभी राष्ट्रीय नेता जनता से संवाद करने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। साथ ही वह मीडिया से भी मुखातिब हो रहे हैं।
भाजपा नेताओं का कहना है कि यदि राधाकृष्णन निर्वाचन क्षेत्र से जीत जाते हैं तो वह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री होंगे। यह अभियान 38-वर्षीय विजय की ‘अनुभवहीनता’ पर भी केंद्रित हो गया है, जो चुनावी राजनीति में एक ‘नौसिखिया’ हैं और अपने पिता के निधन के बाद मैदान में उतरने के लिए मजबूर हो गए। वसंतकुमार एक अनुभवी राजनेता थे और निर्वाचन क्षेत्र में उनका गहरा संपर्क था।
राधाकृष्णन ने बताया कि भाजपा एक विशिष्ट अभियान में है और हमारा उद्देश्य विकास कार्यक्रम को जारी रखना है जो मैंने 2014-2019 में केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शुरू किया था। पार्टी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री ने घोषणा की थी कि अगर मैं निर्वाचित हुआ तो मैं मंत्रालय का हिस्सा रहूंगा।