कर्नाटक की सियासी लड़ाई उस वक्त तेज हो गई, जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने सिद्धरमैया ने प्रदेश की भाजपा सरकार को तालिबानी सरकार करार दिया। इसके बाद तो वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कांग्रेस नेता सिद्धरमैया द्वारा भाजपा को “तालिबानी” कहने पर बुधवार को उनकी आलोचना की और उन्हें “भयोत्पादक” (आतंकवादी) करार दिया।
कतील ने कहा, “मुझे लगता है कि सिद्धरमैया खुद एक ‘भयोत्पादक’ (आतंकवादी) हैं। आज वह कांग्रेस में अनिश्चितता की स्थिति में हैं, जब भी वे ऐसी स्थिति में होते हैं तब ऐसा बयान देते हैं। उनकी संस्कृति तालिबानी है।” उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि जब सिद्धरमैया मुख्यमंत्री थे तब राज्य में सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं। दीपक राव, शरद माड़ीवाला, प्रशांत पुजारी और कटप्पा जैसे हत्याकांड का हवाला देते हुए कहा कि सिद्धरमैया के कार्यकाल में 24 हिन्दुओं की हत्याएं हुईं।
कतील ने कहा, “एटीएम मशीन पर एक महिला पर हमला हुआ, सुल्लिया में कॉलेज जाने वाली एक लड़की पर हमला हुआ। यह सब उनके कार्यकाल में हुआ, यह तालिबानी संस्कृति है। इसलिए मैं कहता हूं कि वह (सिद्धरमैया) ‘भयोत्पादक’ की तरह हैं, क्योंकि उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा हत्याएं, उगाही हुईं और प्रतिदिन गायों को काटा जाता था। उनकी नैतिकता कहां है?”
सिद्धरमैया ने भाजपा को रविवार को “तालिबानी” कहा था, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रतिक्रिया दी। कतील ने कहा कि कांग्रेस एक “डूबता हुआ जहाज” है और उस पार्टी से बहुत से लोग भाजपा में शामिल होना चाहते हैं।