नेता बनने के लिए एसपी-कलेक्टर की कॉलर पकड़ने वाले बयान के तूल पकड़ने पर छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री कवासी लखमा ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि बड़े लोगों के पेट में इस बात का दर्द है कि एक तेंदूपत्ता तोड़ने वाला व्यक्ति मंत्री कैसे बन गया, और इसलिए वे बदनाम कर रहे हैं।
कवासी लखमा ने मंगलवार को कहा, “पिता ने गरीबी के कारण स्कूल नहीं भेजा, इसलिए जब भी स्कूल या आश्रम में जाता हूं, बच्चों से पूछते हैं कि बड़े होकर क्या बनोगे तो कोई बच्चा कहता है कि कलेक्टर, डॉक्टर बनूंगा या सेना में जाऊंगा। एक-आध बच्चा नेता बनने की बात कहता है। वह बच्चा फिर सवाल करता है कि तुम तेंदूपत्ता तोड़ने वाला इतना बड़ा नेता कैसे बन गया।”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए लखमा ने कहा कि वह बच्चों से कहते हैं, “पढ़ो-लिखो, आगे जाकर नेता बनना है तो गरीब लोगों की लड़ाई लड़नी होगी। जैसे महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी, जैसे जवाहर लाल नेहरू ने लड़ी। गरीब लोगों के लिए लड़ाई लड़नी है। इस बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। बड़े लोगों को पेट में दर्द हो रहा है कि यह मंत्री कैसे बना, इसको बदनाम करो।”
ज्ञात हो कि सोमवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कवासी लखमा को बच्चों के साथ बैठे दिखाया गया है। इस वीडियो में लखमा एक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कह रहे हैं कि “मुख्यमंत्री और पुनिया की उपस्थिति में एक बच्चे से उन्होंने पूछा था कि क्या बनोगे तो उसका जवाब था नेता। इतना ही नहीं कमर जाति के उस बच्चे ने मुझसे उलटा सवाल पूछ लिया कि तुम बड़े नेता बने तो कैसे बने, बताओ। मेरे को क्या करना होगा।” लखमा इस वीडियो में कह रहे हैं कि “मैंने उस बच्चे से कहा- कलेक्टर या एसपी का कॉलर पकड़ो, तब नेता बनोगे।”